भारत ने मध्य एशियाई देश आर्मीनिया के साथ हथियारों की एक बड़ी डील की है। इस डील में मिसाइल, रॉकेट के अलावा कई तरह के गोला-बारूद भी शामिल हैं। इस डील से भारत के हथियार उद्योग को बढ़ावा मिलेगा, वहीं आर्मीनिया की सुरक्षा में भी तगड़ा इजाफा होगा। भारत और आर्मीनिया के बीच हथियारों की यह डील लगभग दो हजार करोड़ रुपये में हुई है। इसके तहत भारत आर्मीनिया को पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर बेचेगा। इसी के साथ आर्मीनिया पिनाका रॉकेट लॉन्चर का इस्तेमाल करने वाला पहला विदेशी ग्राहक भी बन जाएगा।
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पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर को स्वदेशी तकनीक पर विकसित किया गया है। इस रॉकेट लॉन्चर का डिजाइन डिफेंस रिसर्च एंड डेवलेपमेंट ऑर्गनाइजेशन (DRDO) के लैब आर्मामेंट रिसर्च एंड डेवलपमेंट इस्टेब्लिशमेंट ने बनाया है, जबकि इसका निर्माण भारत की ही एक सरकारी और दो प्राइवेट कंपनियां टाटा समूह और लार्सन एंड टुब्रो मिलकर करती हैं।पिनाका के लॉन्चर से 44 सेकंड में 12 हाई एक्सप्लोसिव रॉकेट को फायर किया जा सकता है।
साल 2019 से भारत पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर के एक अपग्रेडेड गाइडेड वेरिएंट का परीक्षण कर रहा है। इस वेरिएंट की रेंज करीब 90 किलोमीटर है। इस रॉकेट लॉन्चर को पाकिस्तान और चीन से लगी सीमाओं पर प्रमुख रूप से तैनात किया गया है। टाट्रा ट्रक पर माउंट होने के कारण पिनाका मल्टी बैरल रॉकेट लॉन्चर को एक जगह से दूसरी जगह पर बड़ी तेजी से तैनात किया जा सकता है।
भारतीय सेना रूसी BM-21 ग्रैड रॉकेट लॉन्चर को ऑपरेट करती है। यह रॉकेट लॉन्चर ताकतवर भले ही है, लेकिन इसकी लक्ष्य को साधने की क्षमता काफी खराब है। एक अनुमान के मुताबिक रूसी बीएम-21 ग्रैड से किसी लक्ष्य को सटीकता से साधने के लिए 100 रॉकेट फायर करने की जरूरत होती है। इन्हीं कमियों को दूर करने और रूसी हथियार का स्वदेशी विकल्प ढूंढने के लिए 1981 में भारतीय रक्षा मंत्रालय ने दो परियोजनाओं को मंजूदी दी। इसका उद्देश्य भारतीय सेना के लिए लंबी दूरी तक मार करने वाले आर्टिलरी सिस्टम को विकसित करना था।
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