भारत ने दुनिया की पहली पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी शुरू की

भारत पारंपरिक ज्ञान डिजिटल लाइब्रेरी (TKDL) शुरू करने वाला दुनिया का पहला देश बन गया है। इस महत्वपूर्ण कदम का उद्देश्य आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) जैसे आधुनिक डिजिटल उपकरणों का उपयोग करके भारत की समृद्ध पारंपरिक चिकित्सा प्रणालियों का संरक्षण और संवर्धन करना है। विश्व स्वास्थ्य संगठन (WHO) ने भारत के प्रयासों की सराहना करते हुए इसे वैश्विक स्वास्थ्य सेवा नवाचार के लिए एक महत्वपूर्ण क्षण बताया है।

पारंपरिक चिकित्सा का डिजिटल युग में प्रवेश

TKDL एक अद्वितीय ऑनलाइन प्लेटफ़ॉर्म है जो प्राचीन चिकित्सा ग्रंथों और ज्ञान को कृत्रिम बुद्धिमत्ता (AI) आधारित तकनीकों की मदद से संरक्षित और व्यवस्थित करता है। इसका उद्देश्य इस ज्ञान को अधिक सुलभ और वैज्ञानिक रूप से उपयोगी बनाना है ताकि पारंपरिक उपचार पद्धतियों को आधुनिक चिकित्सा में उपयोग किया जा सके।

यह लाइब्रेरी पारंपरिक ज्ञान के दुरुपयोग को रोकने, वैज्ञानिक अनुसंधान को प्रोत्साहित करने और नई दवाओं के विकास में सहायता करने के लिए तैयार की गई है।

AI के क्षेत्र में भारत की भूमिका और WHO की रिपोर्ट

WHO की नई रिपोर्ट “Mapping the Application of Artificial Intelligence in Traditional Medicine” में भारत के योगदान की विशेष रूप से सराहना की गई है। रिपोर्ट में भारत के AI-आधारित अनुप्रयोगों जैसे – नाड़ी परीक्षण, जिह्वा विश्लेषण और प्रकृति मूल्यांकन का उल्लेख किया गया है।

एक प्रमुख क्षेत्र है आयुर्जीनोमिक्स, जो आयुर्वेद और जीनोमिक्स को जोड़कर व्यक्तिगत स्वास्थ्य सलाह देता है। साथ ही, हर्बल दवाओं के नए उपयोग खोजने में भी AI का प्रयोग किया जा रहा है।

सरकारी नेतृत्व और वैश्विक दृष्टिकोण

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने “AI for All” की सोच के तहत AI को सामाजिक कल्याण, विशेष रूप से स्वास्थ्य के क्षेत्र में बढ़ावा देने की बात की है। 2023 में आयोजित GPAI शिखर सम्मेलन में उन्होंने भारत के इस दृष्टिकोण को साझा किया। वहीं आयुष मंत्रालय ने भी यह दिखाया कि कैसे भारतीय वैज्ञानिक पारंपरिक ज्ञान को आधुनिक तकनीक से जोड़ने पर कार्य कर रहे हैं।

केंद्रीय मंत्री प्रतापराव जाधव ने कहा कि TKDL भारत की नवाचार और वैश्विक स्वास्थ्य सुधार के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

विश्व के लिए इसका महत्व

TKDL और भारत की पारंपरिक चिकित्सा में AI की भूमिका अब वैश्विक स्तर पर प्राचीन ज्ञान को संरक्षित और विकसित करने का उदाहरण बन रही है। भारत, अपनी पारंपरिक चिकित्सा को चीनी पारंपरिक चिकित्सा (TCM) जैसी अन्य प्रणालियों से तुलना कर रहा है। साथ ही ऐसे कृत्रिम सेंसर विकसित किए जा रहे हैं जो रस, गुण और वीर्य जैसी पारंपरिक अवधारणाओं को माप सकते हैं।

WHO ने ऑनलाइन परामर्श, आयुष चिकित्सकों के लिए डिजिटल सहायता, और पारंपरिक व आधुनिक चिकित्सा के बीच पुल बनाने के भारत के प्रयासों की भी प्रशंसा की है। TKDL भारत की उस सोच का प्रतीक है जिसमें विज्ञान और परंपरा का संतुलित समावेश कर एक बेहतर वैश्विक स्वास्थ्य प्रणाली की दिशा में कार्य किया जा रहा है।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

SEBI ने छोटे मूल्य में जीरो-कूपन बॉन्ड जारी करने की दी अनुमति

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शून्य-कूपन बॉन्ड (Zero-Coupon Bonds) को अब ₹10,000 के…

13 hours ago

उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में भारत को अपना पहला वन विश्वविद्यालय मिलेगा

भारत अपनी पहली ‘वन विश्वविद्यालय (Forest University)’ की स्थापना की तैयारी कर रहा है, जो…

13 hours ago

झारखंड ने पहली बार सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी 2025 जीती

झारखंड ने 2025–26 सत्र में सैयद मुश्ताक अली ट्रॉफी (SMAT) जीतकर इतिहास रच दिया। ईशान…

14 hours ago

संसद ने शांति बिल पास किया, AERB को वैधानिक दर्जा मिला

संसद ने सतत उपयोग एवं उन्नयन द्वारा भारत के परिवर्तन हेतु परमाणु ऊर्जा (SHANTI) विधेयक,…

15 hours ago

दक्षिण अफ्रीका से कैपुचिन बंदरों का बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान में आयात

बेंगलुरु के पास स्थित बन्नेरघट्टा जैविक उद्यान (Bannerghatta Biological Park) ने संरक्षण-उन्मुख चिड़ियाघर प्रबंधन को…

15 hours ago

ओडिशा बनेगा एआई हब, 19-20 दिसंबर को क्षेत्रीय एआई इम्पैक्ट कॉन्फ्रेंस

ओडिशा सरकार 19–20 दिसंबर को रीजनल AI इम्पैक्ट कॉन्फ्रेंस की मेजबानी करेगी। यह आयोजन शासन…

16 hours ago