प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने साहिबाबाद स्टेशन से देश की पहली रैपिड रेल नमो भारत को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लेकर नमो भारत ट्रेन 152 से 155 की स्पीड में ट्रैक पर दौड़ी। पहले रैपिडएक्स के नाम से जाना जाने वाला यह अभिनव प्रोजेक्ट क्षेत्रीय कनेक्टिविटी में क्रांति लाने के शिखर पर है। यह भारत में क्षेत्रीय रैपिड ट्रेन सेवा (आरआरटीएस) की शुरुआत का भी प्रतीक है।
आरआरटीएस (क्रांतिकारी क्षेत्रीय पारगमन) एक अत्याधुनिक क्षेत्रीय परिवहन प्रणाली है जो दुनिया की सर्वश्रेष्ठ के साथ प्रतिस्पर्धा कर सकती है। आरआरटीएस एक नई तरह की ट्रेन प्रणाली है जो नियमित ट्रेनों की तुलना में तेज़ है और जल्दी-जल्दी चलती है। यह इंटरसिटी यात्रा को तेज़ और अधिक सुविधाजनक बनाने की एक बड़ी योजना है।
नमो भारत ट्रेनों को अत्यधिक यात्री सुविधा और सुरक्षा को ध्यान में रखकर डिजाइन किया गया है। प्रत्येक कोच छह सीसीटीवी, एक आपातकालीन दरवाजा खोलने की व्यवस्था और ट्रेन ऑपरेटर से जुड़ने के लिए एक संचार बटन से सुसज्जित है। इसके अलावा, ये ट्रेनें हर सीट पर ओवरहेड सामान रैक, वाई-फाई कनेक्टिविटी और मोबाइल और लैपटॉप चार्जिंग आउटलेट जैसी सुविधाएं प्रदान करती हैं। प्रीमियम कोच में एक समर्पित ट्रेन अटेंडेंट मौजूद रहता है, जो आरामदायक और सुरक्षित यात्रा सुनिश्चित करता है।
इसके अलावा ट्रेन के सभी कोच में मुफ्त वाईफाई, मोबाइल चार्जिंग पॉइंट, सामान रखने का स्थान और एक इन्फोटेक सिस्टम भी होगा। इसके साथ ही इसमें मेट्रो की तरह बीच में खड़े होने के लिए भी हैंड होल्डर लगे हुए हैं। वहीं सीटें 2X2 वाली होंगी। वहीं ये हर स्टेशन पर ट्रेनें 30 सेकंड के लिए रुकेंगी। वहीं प्रीमियम टिकट धारकों के लिए स्टेशनों पर एक वेटिंग लाउंज भी होगा।
नमो ट्रेन की सेवाएं सुबह 6 बजे से शुरू हो जाएंगी और रात 11 बजे तक चलती रहेंगी। वहीं अगर बात करें स्टोपेज की तो अभी यह 17 किलोमीटर के सफ़र के दौरान 5 स्टेशनों पर रुकेगी। यह स्टेशन साहिबाबाद, गाजियाबाद, गुलधर, दुहाई और दुहाई डिपो हैं। इसके साथ सामान्य श्रेणी का किराया 20 रुपए से शुरू होकर 50 रुपए तय किया गया है तो वहीं प्रीमियम क्लास में सफ़र करने एक लिए किराया 40 रुपए से 100 रुपए के बीच रखा गया है।
नमो भारत यात्रियों की विविध आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए विभिन्न टिकटिंग मोड प्रदान करता है। यात्री अपनी सभी यात्राओं के लिए क्यूआर कोड-आधारित एकमुश्त टिकट या कार्ड-आधारित ट्रांज़िट विकल्प चुन सकते हैं। क्यूआर कोड-आधारित टिकट टिकट वेंडिंग मशीन (टीवीएम) के माध्यम से तैयार किए जा सकते हैं या टिकट काउंटर से खरीदे जा सकते हैं। टीवीएम यूपीआई-सक्षम हैं, जो एक सहज और डिजिटल टिकटिंग अनुभव सुनिश्चित करते हैं।
बता दें कि दें कि 30,274 करोड़ रुपये की परियोजना का पूरा गलियारा 82 किलोमीटर लंबा होगा और दिल्ली के सराय काले खां स्टेशन से मेरठ के मोदीपुरम तक फैला होगा। मेल एक्सप्रेस ट्रेन में मेरठ और दिल्ली के बीच डेढ़ घंटे और लोकल ट्रेन में दो घंटे का समय लगता है, लेकिन आरआरटीएस में केवल 55-60 मिनट लगेंगे। इस पूरे प्रोजेक्ट को जून 2025 में पूरा होने की उम्मीद है। बता दें कि इस परियोजना की आधारशिला पीएम मोदी ने 8 मार्च, 2019 को की थी।
इसमें मेट्रो की तर्ज पर महिलाओं के लिए अलग कोच होगा। इसमें 50 प्रतिशत से ज्यादा महिला स्टाफ होगा, जिन्हें स्थानीय स्तर पर रिक्रूट किया गया है।
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