मानवीय एकजुटता के मजबूत प्रदर्शन में भारत ने अफ़ग़ानिस्तान के संघर्षग्रस्त स्वास्थ्य तंत्र को समर्थन देने के लिए काबुल में 73 टन जीवनरक्षक दवाइयाँ, टीके और आवश्यक पोषण-सप्लीमेंट्स भेजे हैं। विदेश मंत्रालय (MEA) द्वारा की गई इस घोषणा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि कठिन परिस्थितियों से जूझ रहे अफ़ग़ान नागरिकों के लिए भारत निरंतर मानवीय और चिकित्सीय सहायता प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध है।
क्या भेजा गया?
भारत द्वारा भेजे गए राहत पैकेज में शामिल हैं—
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जीवनरक्षक दवाइयाँ
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टीकाकरण अभियानों के लिए आवश्यक वैक्सीन
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कुपोषण और सामान्य स्वास्थ्य सेवाओं की कमी को पूरा करने वाले आवश्यक पोषण व चिकित्सीय सप्लीमेंट
कुल मिलाकर 73 टन का यह मेडिकल कंसाइनमेंट हाल के वर्षों में अफ़ग़ानिस्तान को भेजी गई सबसे बड़ी मानवीय सहायता शिपमेंट्स में से एक है।
पृष्ठभूमि: अफ़ग़ानिस्तान के लिए भारत की निरंतर सहायता
भारत लंबे समय से अफ़ग़ानिस्तान के विकास में प्रमुख भागीदार रहा है—इन्फ्रास्ट्रक्चर, शिक्षा, ऊर्जा और स्वास्थ्य जैसी प्रमुख परियोजनाओं के ज़रिए।
2021 के बाद, अफ़ग़ानिस्तान में सामाजिक-राजनीतिक परिवर्तनों के कारण बुनियादी सेवाओं तक पहुँच प्रभावित हुई, जिसके बाद भारत ने मानवीय सहायता पर अपना ध्यान और बढ़ाया है।
पिछले दो वर्षों में भारत ने—
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गेहूँ की आपूर्ति
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वैक्सीन और दवाइयाँ
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छात्रों व पेशेवरों के लिए छात्रवृत्ति और प्रशिक्षण कार्यक्रम
जैसी कई महत्वपूर्ण सहायता पहलें जारी रखी हैं।
इस मेडिकल सहायता का महत्व
यह 73 टन का मेडिकल कंसाइनमेंट कई मायनों में महत्वपूर्ण है—
1. मानवीय सहयोग
दवाइयों की कमी और स्वास्थ्य सेवाओं में बाधाओं से जूझ रही आबादी को सीधा राहत प्रदान करता है।
2. क्षेत्रीय कूटनीति
दक्षिण एशिया में भारत की छवि एक विश्वसनीय और संवेदनशील साझेदार के रूप में और मजबूत होती है।
3. सॉफ्ट पावर रणनीति
मानवीय सहायता के माध्यम से भारत अपनी शांति-प्रधान, सहयोगात्मक विदेश नीति को आगे बढ़ाता है।
4. जन-से-जन संबंध
ऐसी पहलें भारत और अफ़ग़ान लोगों के बीच विश्वास, सद्भाव और दीर्घकालिक दोस्ती को गहरा करती हैं।
मुख्य तथ्य
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भेजी गई सहायता: 73 टन दवाइयाँ, वैक्सीन, और मेडिकल सप्लाई
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गंतव्य: काबुल, अफ़ग़ानिस्तान
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किसके द्वारा: भारत सरकार (विदेश मंत्रालय के माध्यम से)
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उद्देश्य: अफ़ग़ानिस्तान की सार्वजनिक स्वास्थ्य जरूरतों के लिए मानवीय समर्थन
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लगातार चल रही सहायता का हिस्सा: भारत पहले भी गेहूँ, COVID वैक्सीन, दवाइयाँ, प्रशिक्षण व छात्रवृत्ति कार्यक्रम भेज चुका है


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