भारत ने बगलिहार बांध के गेटों से चेनाब का पानी बंद किया

राजनयिक और सामरिक तनावों में भारी वृद्धि के बीच, भारत ने पाकिस्तान को चिनाब नदी पर बगलिहार बांध से बहने वाले पानी को तेज़ी से घटा दिया है और जल्द ही झेलम नदी पर किशनगंगा परियोजना से भी पानी की आपूर्ति रोकने की तैयारी कर रहा है। यह कदम पाकिस्तान द्वारा 3 मई 2025 को की गई बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण और 22 अप्रैल को कश्मीर के पहलगाम में हुए घातक आतंकी हमले के बाद भारत द्वारा सिंधु जल संधि (Indus Waters Treaty – IWT) को निलंबित करने के निर्णय के बाद उठाया गया है। यह घटनाक्रम भारत की जल कूटनीति और रणनीतिक प्रतिक्रिया में एक नए, सख्त रुख का संकेत देता है।

समाचार में क्यों?

भारत ने पाकिस्तान को जाने वाले सिंधु जल के प्रवाह को कम करने का निर्णय उस समय लिया जब:

  • पाकिस्तान ने 3 मई को बैलिस्टिक मिसाइल परीक्षण किया।

  • भारत ने 22 अप्रैल को हुए पहलगाम आतंकी हमले के बाद सिंधु जल संधि को “स्थगन” (abeyance) में रखा।

बगलिहार बांध (चिनाब नदी)

  • भारत ने बांध के स्लूस गेट्स को नीचे कर “डिसिल्टिंग” (गाद निकालने) का कार्य शुरू किया।

  • इससे पाकिस्तान को जाने वाला जल प्रवाह लगभग 90% तक घट गया।

  • आधिकारिक कारण: जलाशय की सफाई और पुनः भराव।

किशनगंगा बांध (झेलम नदी)

  • इस परियोजना से जल प्रवाह को जल्द ही पूरी तरह से रोकने की योजना है।

  • पाकिस्तान पहले इस परियोजना को अंतरराष्ट्रीय मंचों पर चुनौती दे चुका है।

पृष्ठभूमि: सिंधु जल संधि (1960)

  • विश्व बैंक की मध्यस्थता में भारत और पाकिस्तान के बीच समझौता।

  • पश्चिमी नदियाँ (सिंधु, झेलम, चिनाब) पाकिस्तान को और पूर्वी नदियाँ (रावी, ब्यास, सतलुज) भारत को आवंटित।

  • भारत को पश्चिमी नदियों पर सीमित अधिकार प्राप्त हैं जैसे जलविद्युत उत्पादन और गैर-खपत उपयोग।

  • पाकिस्तान लंबे समय से भारत पर पश्चिमी नदियों पर बनाए जा रहे बांधों (जैसे बगलिहार और किशनगंगा) के ज़रिए अपने जल अधिकारों के हनन का आरोप लगाता रहा है, हालांकि अंतरराष्ट्रीय पंचाट कई बार भारत के पक्ष में निर्णय दे चुका है।

रणनीतिक उत्तर

  • पहलगाम आतंकी हमले के बाद भारत ने IWT को अस्थायी रूप से निलंबित किया।

  • जल शक्ति मंत्रालय और गृह मंत्रालय मिलकर जल नियंत्रण की रणनीति पर कार्य कर रहे हैं।

  • एनएचपीसी (NHPC) के इंजीनियरों को जम्मू-कश्मीर में तैनात किया गया है।

  • पाकिस्तानी जहाजों के भारतीय बंदरगाहों में प्रवेश पर प्रतिबंध भी लागू कर दिया गया है।

जलविद्युत परियोजनाएं प्रगति पर

भारत चिनाब नदी पर जलविद्युत परियोजनाओं को तेज़ी से विकसित कर रहा है:

  • पकल डुल (1000 मेगावाट) – आधारशिला: 19 मई 2018

  • किरु (624 मेगावाट) – आधारशिला: 3 फरवरी 2019

  • क्वार (540 मेगावाट) – आधारशिला: 22 अप्रैल 2022

  • रतले (850 मेगावाट) – भारत के सहयोग से पुनः प्रारंभ

  • सभी परियोजनाएं 2027-28 तक पूर्ण होने का लक्ष्य।

महत्व

  • भारत अपने जल अधिकारों को सामरिक उपकरण के रूप में उपयोग कर रहा है।

  • घरेलू स्तर पर उत्तर भारत के राज्यों को जल आपूर्ति बढ़ाने पर ध्यान।

  • भारत की सैन्य के बजाय गैर-सैन्य दबाव नीति को संकेत।

  • इस कदम का भारत-पाक संबंधों, क्षेत्रीय जल सुरक्षा और अंतरराष्ट्रीय नदी-बंटवारे की कूटनीति पर व्यापक असर पड़ सकता है।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

जम्मू-कश्मीर को अपना पहला Gen Z पोस्ट ऑफिस मिला

जम्मू-कश्मीर ने सार्वजनिक सेवाओं के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।…

8 mins ago

मिची बेंटहॉस अंतरिक्ष में जाने वाली पहली व्हीलचेयर यूज़र बनकर इतिहास रचेंगी

जर्मन एयरोस्पेस इंजीनियर मिची बेंटहॉस अंतरिक्ष यात्रा करने वाली पहली व्हीलचेयर उपयोगकर्ता व्यक्ति बनने जा…

4 hours ago

अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस 2025: इतिहास और महत्व

अंतरराष्ट्रीय मानव एकजुटता दिवस 2025 हर वर्ष 20 दिसंबर को मनाया जाता है। यह दिवस…

6 hours ago

भारतीय टीम ने नासा स्पेस ऐप्स चैलेंज में ग्लोबल टॉप सम्मान हासिल किया

भारत के नवाचार पारिस्थितिकी तंत्र को वैश्विक स्तर पर बड़ी पहचान मिली है। NASA इंटरनेशनल…

7 hours ago

Hurun India 2025: सेल्फ-मेड अरबपतियों में दीपिंदर गोयल नंबर वन

हुरुन रिच लिस्ट 2025 ने एक बार फिर भारत के तेज़ी से बदलते स्टार्टअप और…

7 hours ago

SEBI ने छोटे मूल्य में जीरो-कूपन बॉन्ड जारी करने की दी अनुमति

भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) ने शून्य-कूपन बॉन्ड (Zero-Coupon Bonds) को अब ₹10,000 के…

21 hours ago