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विश्व प्रत्यायन दिवस 2025: इतिहास और महत्व जानें

भारत की गुणवत्ता मानक संस्थाओं की शीर्ष संस्था, भारतीय गुणवत्ता परिषद (QCI) ने विश्व प्रत्यायन दिवस 2025 को नई दिल्ली स्थित इंडिया हैबिटैट सेंटर में एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम के साथ मनाया। इस वर्ष का विषय था – “प्रत्यायन: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSMEs) को सशक्त बनाना”, जिसका उद्देश्य गुणवत्तापरक नवाचार, समावेशी विकास और वैश्विक प्रतिस्पर्धा में भारत की प्रतिबद्धता को दोहराना था। यह दिवस हर वर्ष 9 जून को मनाया जाता है।

वैश्विक समन्वय में भारत की भूमिका

QCI अपनी प्रमुख इकाइयों –

  • राष्ट्रीय परीक्षण एवं अंशांकन प्रयोगशाला प्रत्यायन बोर्ड (NABL) और

  • राष्ट्रीय प्रत्यायन बोर्ड फॉर सर्टिफिकेशन बॉडीज़ (NABCB)
    के माध्यम से कार्य करता है। ये दोनों संस्थाएं भारत की ओर से अंतरराष्ट्रीय प्रयोगशाला प्रत्यायन सहयोग (ILAC) और अंतरराष्ट्रीय प्रत्यायन मंच (IAF) जैसी वैश्विक संस्थाओं में प्रतिनिधित्व करती हैं।

भारत की गुणवत्ता अवसंरचना को वैश्विक मानकों से जोड़कर, QCI भारतीय उत्पादों और सेवाओं की अंतरराष्ट्रीय स्तर पर स्वीकृति और भरोसे को मजबूत करता है, जिससे भारत वैश्विक गुणवत्ता प्रणाली का अभिन्न हिस्सा बनता जा रहा है।

NABL पोर्टल का उन्नत संस्करण लॉन्च

कार्यक्रम में एक अहम पहल रही – नवीनतम NABL पोर्टल का शुभारंभ, जो एक डिजिटल प्लेटफॉर्म के रूप में:

  • प्रत्यायन प्रक्रिया को सरल बनाता है

  • डिजिटल पहुंच को बेहतर करता है

  • प्रयोगशालाओं और MSMEs के लिए अनुपालन को सुगम करता है

  • पारदर्शिता और सेवा में दक्षता को बढ़ावा देता है

यह पोर्टल विशेष रूप से उन MSMEs को ध्यान में रखकर डिज़ाइन किया गया है, जो अक्सर जटिल नियामक प्रक्रियाओं में उलझ जाते हैं।

गुणवत्ता समर्पण: एक सार्वजनिक प्रतिबद्धता

कार्यक्रम का एक अन्य प्रमुख आकर्षण रहा – गुणवत्ता समर्पण (Gunvatta Samarpan), जो संगठनों को प्रत्यायित मानकों के प्रति अपनी सार्वजनिक प्रतिबद्धता प्रकट करने का अवसर देता है। यह पहल गुणवत्ता के प्रति एक सामाजिक चेतना विकसित करती है और भारतीय उत्पादों और सेवाओं में आम जनता का विश्वास बढ़ाती है।

विषय-वस्तु: MSMEs के लिए अवसर

इस वर्ष का थीम “प्रत्यायन: सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों को सशक्त बनाना” इस बात पर केंद्रित था कि प्रत्यायन कैसे MSMEs को:

  • प्रतिस्पर्धा में बढ़त दिला सकता है

  • घरेलू और अंतरराष्ट्रीय बाज़ार तक पहुंच दिला सकता है

  • उत्पादों और सेवाओं की विश्वसनीयता बढ़ा सकता है

  • सतत विकास और नेट ज़ीरो लक्ष्यों की ओर उन्मुख कर सकता है

QCI ने इस थीम के ज़रिए यह संदेश दिया कि प्रत्यायन MSMEs के नवाचार, विकास और वैश्वीकरण का आधार बन सकता है।

नेतृत्व की दृष्टि और विषयवस्तु का उद्घाटन

कार्यक्रम की शुरुआत राष्ट्रीय नेताओं के संदेशों और एक विषयगत वीडियो के साथ हुई, जिसने व्यवसायिक दुनिया में गुणवत्ता, नवाचार और स्थिरता की आवश्यकता को रेखांकित किया।

श्री अमरदीप सिंह भाटिया, आईएएस – सचिव, DPIIT

उन्होंने अपने मुख्य भाषण में कहा कि प्रत्यायन:

  • भारतीय MSMEs को वैश्विक बाज़ार से जोड़ता है

  • आत्मनिर्भर भारत के लक्ष्य को बल देता है

  • विकसित भारत @2047 की कल्पना को साकार करता है

  • प्रमाणन निकाय भारत की निर्यात क्षमताओं के लिए आवश्यक नींव तैयार करते हैं

श्री जक्षय शाह – अध्यक्ष, QCI

उन्होंने प्रत्यायन को “वैश्विक विश्वास का द्वार” कहा और बताया कि प्रत्यायन:

  • MSMEs को अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप बनाता है

  • उत्पादन में त्रुटियों और अस्वीकृति दर को कम करता है

  • उत्पादकता बढ़ाता है

  • नए बाज़ारों और ग्राहकों तक पहुंच बनाता है

तकनीकी सत्र और CEO फोरम

इन सत्रों में उद्योग विशेषज्ञों ने बताया कि प्रत्यायन कैसे:

  • परीक्षण एवं निदान अवसंरचना को सुदृढ़ करता है

  • अंतरराष्ट्रीय व्यापार में सुगमता लाता है

  • प्रमाणित प्रबंधन प्रणालियों और उत्पादों को बढ़ावा देता है

  • तृतीय-पक्ष निरीक्षण को प्रोत्साहित करता है

  • सतत निर्माण कार्यप्रणालियों और नेट ज़ीरो लक्ष्यों को सहयोग देता है

विश्व प्रत्यायन दिवस का वैश्विक महत्व

विश्व प्रत्यायन दिवस, जो हर साल 9 जून को ILAC और IAF के संयुक्त प्रयासों से मनाया जाता है, का उद्देश्य है:

  • गुणवत्ता अवसंरचना को मजबूत करना

  • वैश्विक व्यापार को बढ़ावा देना

  • औद्योगिक और आर्थिक विकास को प्रोत्साहित करना

भारत में QCI द्वारा आयोजित यह समारोह इस बात का प्रमाण है कि प्रत्यायन न केवल गुणवत्ता की कसौटी है, बल्कि MSMEs को वैश्विक मंच पर सशक्त बनाने का एक प्रभावशाली साधन भी है।

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