Indian Navy officers gather on the deck of the Indian indigenous aircraft carrier INS Vikrant during its commissioning at Cochin Shipyard in Kochi on September 2, 2022. India debuted its first locally made aircraft carrier on September 2, a milestone in government efforts to reduce its dependence on foreign arms and counter China's growing military assertiveness in the region. (Photo by Arun SANKAR / AFP) (Photo by ARUN SANKAR/AFP via Getty Images)
हिंद महासागर में चीन की नौसैनिक उपस्थिति का मुकाबला करने के लिए भारत एक नए विमानवाहक पोत में 5 अरब डॉलर का निवेश कर रहा है।
भारत 5 अरब डॉलर के विमानवाहक पोत के साथ अपनी नौसैनिक क्षमताओं को सुदृढ़ करने के लिए तैयार है, जो हिंद महासागर क्षेत्र में चीन के बढ़ते नौसैनिक प्रभाव के प्रति अपनी रणनीतिक प्रतिक्रिया का संकेत है। रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद भारत के दूसरे स्वदेशी विमानवाहक पोत के अधिग्रहण को मंजूरी देने के लिए तैयार है।
प्रश्न: भारत एक नए विमानवाहक पोत में 5 अरब डॉलर का निवेश क्यों कर रहा है?
उत्तर: भारत अपनी नौसैनिक क्षमताओं को मजबूत करने और हिंद महासागर में चीन की बढ़ती उपस्थिति का मुकाबला करने के लिए एक नए विमान वाहक में निवेश कर रहा है। इस रणनीतिक कदम का उद्देश्य समुद्री सुरक्षा को बढ़ाना और उभरते भू-राजनीतिक परिदृश्य में भारत को एक महत्वपूर्ण खिलाड़ी के रूप में स्थापित करना है।
प्रश्न: नए विमानवाहक पोत की प्रमुख विशेषताएं क्या हैं?
उत्तर: नए विमान वाहक को पर्याप्त एयर विंग को समायोजित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है, जो कम से कम 28 लड़ाकू जेट और हेलीकॉप्टरों की मेजबानी करने में सक्षम है। 45,000 टन के विस्थापन के साथ, यह भारतीय नौसेना के आकार और क्षमताओं में एक महत्वपूर्ण विस्तार का प्रतिनिधित्व करता है।
प्रश्न: भारत नए वाहक के लिए फ्रांसीसी राफेल जेट का चयन क्यों कर रहा है?
उत्तर: नए वाहक को फ्रांसीसी राफेल जेट से लैस करने का भारत का निर्णय नौसेना संचालन के लिए उन्नत प्रौद्योगिकी का लाभ उठाने की अपनी प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है। यह चयन फ्रांस के साथ रणनीतिक साझेदारी और उसके नौसैनिक बेड़े में अत्याधुनिक क्षमताओं को नियोजित करने पर ध्यान केंद्रित करने को दर्शाता है।
प्रश्न: नए वाहक का शामिल होना हिंद महासागर में भारत की नौसैनिक ताकत में किस प्रकार से योगदान देता है?
उत्तर: नया विमानवाहक पोत भारत को हिंद महासागर में ताकत दिखाते हुए एक दुर्जेय तीन-वाहक युद्ध समूह बनाने की स्थिति में रखता है। यह रणनीतिक कदम भारत को पूरे क्षेत्र में लगातार प्रभाव डालने की अनुमति देता है, विशेषकर जब हिंद महासागर में चीन की नौसैनिक उपस्थिति बढ़ती है।
प्रश्न: बढ़ती क्षेत्रीय प्रतिस्पर्धा के बीच भारत की दीर्घकालिक नौसैनिक रणनीति क्या है?
उत्तर: भारत एक मजबूत नौसैनिक बल की कल्पना करता है, जिसमें 2030 तक 160 और 2035 तक 175 युद्धपोत रखने की योजना है, जिसके लिए 2 ट्रिलियन रुपये के पर्याप्त निवेश की आवश्यकता होगी। यह दीर्घकालिक रणनीति अपनी नौसैनिक क्षमताओं को आधुनिक बनाने और क्षेत्र में बढ़ती समुद्री प्रतिस्पर्धा का जवाब देने की भारत की प्रतिबद्धता के अनुरूप है।
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