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भारत ने पीटरबर्ग जलवायु संवाद के 11 वें सत्र में लिया हिस्सा

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भारत ने पीटरबर्ग जलवायु संवाद के 11 वें सत्र में वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से भाग लिया। केंद्रीय पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने पहले वर्चुअल पीटरबर्ग जलवायु संवाद में भारत का प्रतिनिधित्व किया। इस संवाद की मेजबानी जर्मनी ने की तथा इसकी सह-अध्यक्षता ब्रिटेन द्वारा की गई थी।
पीटरबर्ग जलवायु संवाद का 11 वां सत्र वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से आयोजित किया गया। इस संवाद में 30 से अधिक देशों ने हिस्सा लिया। संवाद के दौरान COVID-19 से निपटने, जीवन बचाने और बीमारी के सामाजिक और आर्थिक परिणामों का समाधान निकालने के उपायों पर विचार-विमर्श किया गया।
संवाद में भारत की भूमिका:

भारत ने सुझाव दिया कि वर्तमान में जिस तरह समूचा विश्‍व एकजुट होकर नोवल कोरोना वायरस के लिए वैक्‍सीन तलाशने में जुटा है, उसी तरह पर्यावरण संबंधी प्रौद्योगिकी हमारे पास मुक्‍त स्रोत के रूप में होनी चाहिए तथा जिसे किफायती दाम पर उपलब्‍ध कराया जाना चाहिए। साथ ही, भारत ने विकासशील देशों को तुरंत 1 ट्रिलियन यूएसडी अनुदान देने का भी सुझाव दिया।

कोपेनहेगन शिखर सम्मेलन:-

कोपेनहेगन शिखर सम्मेलन किसी भी जलवायु समझौते तक पहुँचने में विफल रहा था। वर्ष 2009 के संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन (UNFCCC) को आमतौर पर कोपेनहेगन शिखर सम्मेलन के रूप में जाना जाता है। यह कोपेनहेगन, डेनमार्क में आयोजित किया गया था। 2009 के कोपेनहेगन शिखर सम्मेलन की विफलता के बाद से जर्मनी द्वारा संवाद का आयोजन किया जा रहा है। इस संवाद में आमतौर पर पर्यावरण मंत्रियों द्वारा भाग लिया जाता है।

उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

  • पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय में राज्य मंत्री: बाबुल सुप्रियो.
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