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भारत और अमेरिका ऊर्जा सहयोग बढ़ाने पर विचार

भारत और अमेरिका ने ऊर्जा मूल्य श्रृंखला में अपने द्विपक्षीय सहयोग को गहरा करने की प्रतिबद्धता जताई है, जिसका लक्ष्य न्यायसंगत और व्यवस्थित ऊर्जा परिवर्तन है। यह समझौता ह्यूस्टन में गैसटेक 2024 के दौरान भारत के केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी और अमेरिका के ऊर्जा संसाधन सहायक सचिव ज्योफ्रे पायट के बीच हुई बैठक में सामने आया। दोनों नेताओं ने अपने देशों की संस्थाओं और कंपनियों के बीच सहयोग बढ़ाने पर चर्चा की, जिसमें पारंपरिक और नवीकरणीय ऊर्जा क्षेत्रों को आगे बढ़ाने पर ध्यान केंद्रित किया गया।

बैठक की मुख्य बातें

पुरी और पायट ने ऊर्जा सहयोग की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की और अपनी साझेदारी को और मजबूत करने के लिए रणनीतियों पर सहमति व्यक्त की। पुरी ने भारतीय और अमेरिकी संस्थानों और कंपनियों के बीच बढ़ते और गहरे होते सहयोग पर ध्यान दिया, जो ऊर्जा क्षेत्र में मजबूत और विकसित होते द्विपक्षीय संबंधों को दर्शाता है।

गैसटेक 2024 इनसाइट्स

पुरी ने गैसटेक 2024 में इंडिया पैवेलियन का उद्घाटन किया, जिसमें भारतीय कंपनियों की नवीनतम तकनीकी प्रगति और भविष्य के निवेश के अवसरों को प्रदर्शित किया गया। उन्होंने वैश्विक ऊर्जा गतिशीलता पर चर्चा करने वाले मंत्रिस्तरीय पैनल में भी भाग लिया, जिसमें भविष्य के ऊर्जा परिदृश्य को आकार देने में उभरते बाजारों की महत्वपूर्ण भूमिका पर बल दिया गया। पुरी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि 2045 तक वैश्विक ऊर्जा मांग में लगभग 80% वृद्धि उभरती अर्थव्यवस्थाओं से आएगी, जिसके लिए ऊर्जा बुनियादी ढांचे में पर्याप्त निवेश की आवश्यकता होगी।

रणनीतिक स्वच्छ ऊर्जा भागीदारी (SCEP)

इससे पहले, पुरी और अमेरिकी ऊर्जा सचिव जेनिफर ग्रैनहोम ने वाशिंगटन, डीसी में SCEP मंत्रिस्तरीय बैठक आयोजित की। उन्होंने भागीदारी के तहत प्रगति की समीक्षा की, जो स्वच्छ ऊर्जा नवाचार, ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने और स्वच्छ ऊर्जा में बदलाव को तेज करने पर केंद्रित है। भागीदारी का उद्देश्य लचीली और विविध आपूर्ति श्रृंखलाओं को बढ़ावा देना और स्वच्छ ऊर्जा विनिर्माण को बढ़ावा देना है।

 

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