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भारत और यूएई ने ऐतिहासिक असैन्य परमाणु ऊर्जा समझौते पर हस्ताक्षर किए

शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान की नई दिल्ली यात्रा के दौरान भारत और यूएई ने असैन्य परमाणु सहयोग के लिए एक महत्वपूर्ण समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर किए हैं। भारतीय परमाणु ऊर्जा निगम लिमिटेड (एनपीसीआईएल) और अमीरात परमाणु ऊर्जा कंपनी (ईएनईसी) के बीच यह समझौता द्विपक्षीय संबंधों में एक ऐतिहासिक कदम है और शांतिपूर्ण परमाणु ऊर्जा उपयोग के प्रति प्रतिबद्धता को दर्शाता है।

समझौते का विवरण

महत्व: यह एनपीसीआईएल और ईएनईसी के बीच अपनी तरह का पहला समझौता ज्ञापन है, जिसका उद्देश्य परमाणु ऊर्जा संयंत्र संचालन, रखरखाव और निवेश के अवसरों में सहयोग बढ़ाना है। इसमें परमाणु ऊर्जा विकास में ज्ञान साझा करना और विशेषज्ञता भी शामिल है।

ऐतिहासिक संदर्भ: यह समझौता भारत और यूएई के बीच 2015 में सुरक्षा और तकनीकी प्रगति सहित परमाणु ऊर्जा के शांतिपूर्ण उपयोग पर सहयोग करने के लिए हुई समझ पर आधारित है।

अतिरिक्त समझौते

एलएनजी आपूर्ति: अबू धाबी नेशनल ऑयल कंपनी (एडीएनओसी) और इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन लिमिटेड (आईओसीएल) के बीच 15 साल के समझौते के तहत एडीएनओसी की कम कार्बन वाली रुवाइस गैस परियोजना से प्रति वर्ष एक मिलियन मीट्रिक टन (एमएमटीपीए) की आपूर्ति होगी।

रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार: समझौता ज्ञापन से भारत के रणनीतिक पेट्रोलियम भंडार में यूएई की भागीदारी बढ़ेगी, जिससे एडीएनओसी को भारत में कच्चे तेल का भंडारण करने और ऊर्जा सुरक्षा को मजबूत करने में मदद मिलेगी।

कच्चे तेल का उत्पादन: अबू धाबी ऑनशोर ब्लॉक 1 के लिए उत्पादन रियायत समझौते से आईओसीएल और भारत पेट्रो रिसोर्सेज लिमिटेड के बीच एक संयुक्त उद्यम ऊर्जा भारत को भारत में कच्चा तेल लाने में मदद मिलेगी।

फूड पार्क विकास: गुजरात सरकार और अबू धाबी डेवलपमेंटल होल्डिंग कंपनी (एडीक्यू) के बीच एक समझौता ज्ञापन के तहत 2025 तक गुजरात में एक खाद्य और कृषि पार्क विकसित किया जाएगा।

भविष्य की पहल

वर्चुअल ट्रेड कॉरिडोर (VTC): भारत-यूएई वर्चुअल ट्रेड कॉरिडोर और मैत्री इंटरफेस की सॉफ्ट लॉन्चिंग की योजना बनाई गई है, जो भारत-मध्य पूर्व-यूरोप आर्थिक कॉरिडोर (IMEC) का हिस्सा है।

व्यापार मंच: शेख खालिद भविष्य के सहयोग पर चर्चा करने के लिए मुंबई में भारत-यूएई व्यापार मंच में भाग लेंगे।

राजनयिक जुड़ाव

उच्च स्तरीय बैठकें: शेख खालिद की यात्रा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू सहित भारतीय नेताओं के साथ बैठकें शामिल थीं, जिसमें गहन द्विपक्षीय संबंधों और संयुक्त अरब अमीरात में बड़ी संख्या में भारतीय प्रवासियों की आपसी सराहना पर प्रकाश डाला गया।