भारत और ओमान ने व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते (CEPA) पर हस्ताक्षर कर खाड़ी क्षेत्र में भारत की आर्थिक सहभागिता को नई ऊँचाई दी है। यह समझौता प्रधानमंत्री श्री नरेंद्र मोदी और सुल्तान हैथम बिन तारिक की उपस्थिति में संपन्न हुआ, जो इसके रणनीतिक और राजनीतिक महत्व को दर्शाता है।
संक्षिप्त परिचय
- समझौते पर भारत की ओर से वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल और ओमान की ओर से एच.ई. क़ैस बिन मोहम्मद अल यूसुफ ने हस्ताक्षर किए।
- 2006 में अमेरिका के साथ FTA के बाद यह ओमान का पहला द्विपक्षीय व्यापार समझौता है।
- पिछले छह महीनों में भारत का दूसरा FTA (यूके के बाद)।
- भारत–ओमान द्विपक्षीय व्यापार 10 अरब अमेरिकी डॉलर से अधिक है, जिसमें आगे बढ़ने की व्यापक संभावनाएँ हैं।
भारत–ओमान CEPA की प्रमुख विशेषताएँ
1. भारतीय वस्तुओं के लिए अभूतपूर्व बाज़ार पहुँच
- ओमान की 98.08% टैरिफ लाइनों पर शून्य शुल्क
- भारत के 99.38% निर्यात मूल्य को कवर
- 97.96% टैरिफ लाइनों पर तत्काल शुल्क समाप्ति
लाभान्वित क्षेत्र:
वस्त्र, चमड़ा, जूते, रत्न–आभूषण, इंजीनियरिंग उत्पाद, प्लास्टिक, फर्नीचर, कृषि उत्पाद, फार्मा व मेडिकल डिवाइसेज़, ऑटोमोबाइल।
इससे रोज़गार सृजन, MSME, कारीगरों और महिला-नेतृत्व वाले उद्यमों को बढ़ावा मिलेगा।
2. भारत की टैरिफ प्रतिबद्धताएँ
- 77.79% टैरिफ लाइनों पर उदारीकरण
- ओमान से आयात के 94.81% मूल्य को कवर
- संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा: बहिष्करण सूची और टैरिफ रेट कोटा (TRQ)
बहिष्कृत क्षेत्र:
डेयरी, चाय, कॉफी, रबर, तंबाकू; सोना–चाँदी बुलियन/आभूषण; जूते, खेल सामान; धातु स्क्रैप।
3. सेवाओं में ऐतिहासिक प्रतिबद्धताएँ (ओमान की पहली)
127 उप-क्षेत्रों में व्यापक सेवाएँ शामिल, जैसे—
- आईटी/कंप्यूटर सेवाएँ, व्यवसायिक व पेशेवर सेवाएँ, ऑडियो–विज़ुअल, R&D, शिक्षा और स्वास्थ्य।
- भारतीय सेवा प्रदाताओं के लिए बड़े अवसर, जहाँ वर्तमान में भारत का हिस्सा केवल 5.31% है।
4. भारतीय पेशेवरों के लिए बेहतर आवाजाही (Mode 4)
- Intra-Corporate Transferees का कोटा 20% से बढ़ाकर 50%
- Contractual Service Suppliers की अवधि 90 दिन से बढ़ाकर 2 वर्ष (आगे बढ़ाने का विकल्प)
- लेखांकन, कराधान, वास्तुकला, चिकित्सा व संबद्ध क्षेत्रों में उदार प्रवेश।
5. भारतीय कंपनियों के लिए 100% FDI
- प्रमुख सेवा क्षेत्रों में 100% प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति
- भारतीय कंपनियों को ओमान में व्यावसायिक उपस्थिति विस्तार का अवसर।
6. ऐतिहासिक प्रावधान
- पारंपरिक चिकित्सा (AYUSH) पर पहली बार सभी मोड्स में प्रतिबद्धता
- मेडिकल वैल्यू ट्रैवल को बढ़ावा
- फार्मा अनुमोदनों का त्वरित मार्ग: USFDA, EMA, UKMHRA मान्यताओं की पहचान
GMP निरीक्षण स्वीकृति
हलाल प्रमाणन और NPOP (ऑर्गेनिक) के लिए पारस्परिक मान्यता
गैर-टैरिफ बाधाओं के समाधान के प्रावधान।
रणनीतिक महत्व
- खाड़ी क्षेत्र में भारत की आर्थिक उपस्थिति मज़बूत
- गैर-प्रतिस्पर्धी अर्थव्यवस्थाओं के साथ उच्च-गुणवत्ता FTA रणनीति को बल
- निर्यात, रोज़गार और आपूर्ति-श्रृंखला लचीलापन बढ़ेगा
- ओमान को मध्य-पूर्व व अफ्रीका तक भारत की पहुँच का रणनीतिक हब
- घरेलू संवेदनशील क्षेत्रों की सुरक्षा के साथ समावेशी विकास।
मुख्य बिंदु (Key Takeaways)
- 18 दिसंबर 2025 को भारत–ओमान CEPA पर हस्ताक्षर।
- ओमान की 98.08% टैरिफ लाइनों पर शून्य शुल्क, भारत के 99.38% निर्यात को कवर।
- श्रम-प्रधान क्षेत्रों, MSME और महिला उद्यमों को बड़ा लाभ।
- सेवाओं में 127 उप-क्षेत्रों में महत्वाकांक्षी प्रतिबद्धताएँ।
- भारतीय पेशेवरों के लिए Mode 4 में बेहतर गतिशीलता।
- ओमान में भारतीय कंपनियों के लिए 100% FDI की अनुमति।


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