विदेश मंत्रालय ने भारत और चीन के बीच दो दिवसीय सैन्य वार्ता समाप्त होने के एक दिन बाद कहा कि दोनों देशों ने पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास लंबित मुद्दों के पारस्परिक रूप से स्वीकार्य समाधान के लिए विचारों का खुलकर एवं रचनात्मक आदान-प्रदान किया। उसने बताया कि दोनों पक्षों ने प्रासंगिक सैन्य एवं राजनयिक माध्यमों से संवाद एवं वार्ता की लय बनाए रखने पर सहमति जताई।
दोनों देशों के बीच सैन्य वार्ता का इससे पहला दौर 13 और 14 अगस्त को हुआ था। कोर कमांडर स्तर की वार्ता का 20वां दौर एलएसी के पास भारतीय क्षेत्र में चुशुल-मोल्डो सीमा के पास आयोजित किया गया था। विदेश मंत्रालय ने कहा कि दोनों पक्षों ने पश्चिमी सेक्टर में एलएसी के पास लंबित मुद्दों के शीघ्र एवं आपस में स्वीकार्य समाधान के लिए स्पष्ट, खुलकर और रचानात्मक तरीके से विचारों का आदान-प्रदान किया।
पूर्वी लद्दाख में कुछ बिंदुओं पर भारतीय और चीनी सैनिकों के बीच तीन साल से अधिक समय से गतिरोध बना हुआ है, लेकिन दोनों पक्षों ने व्यापक राजनयिक और सैन्य वार्ता के बाद कई स्थानों से अपने सैनिकों को वापस बुला लिया है। विदेश मंत्रालय ने कहा उन्होंने इस बीच सीमावर्ती क्षेत्रों में जमीन पर शांति बनाए रखने की प्रतिबद्धता भी जताई। सरकार पूर्वी लद्दाख को पश्चिमी सेक्टर कहती है। यह दूसरा ऐसा मौका था जब यह बातचीत दो दिन तक चली।
2020 में कोरोना के दौरान चीन की ओर से वास्तविक नियंत्रण रेखा (एलएसी) पर यथास्थिति को बदलने के लिए भारी हथियारों और बड़ी संख्या में सैनिकों को आक्रामक तरीके से आगे बढ़ाने की कोशिश के बाद पूर्वी लद्दाख क्षेत्र में दोनों पक्षों के बीच मामलों को सुलझाने के लिए कोर कमांडर-स्तरीय वार्ता शुरू हुई थी।
पूर्वी लद्दाख सीमा पर गतिरोध पांच मई, 2020 को पैंगोंग झील क्षेत्र में हिंसक झड़प के बाद पैदा हुआ था। जून 2020 में गलवान घाटी में हिंसक झड़प के बाद दोनों देशों के बीच संबंधों में काफी गिरावट आई थी, जो दशकों में दोनों पक्षों के बीच सबसे गंभीर सैन्य संघर्ष था। सिलसिलेवार सैन्य और कूटनीतिक वार्ताओं के परिणामस्वरूप दोनों पक्षों ने 2021 में पैंगोंग झील के उत्तर और दक्षिण किनारों और गोगरा क्षेत्र में पीछे हटने की प्रक्रिया पूरी की।
हालांकि, कई दौर की वार्ता के बाद दोनों देश पीछे हटने को तैयार हो गए थे। दोंनो ही देशों की सेनाएं पीछे हट गई थीं। कई इलाकों को लेकर अब भी वार्ता जारी है। आज हुई वार्ता में भी दोनों देश संपर्क में रहने और सैन्य-राजनयिक चैनलों के माध्यम से बातचीत बनाए रखने और जल्द से जल्द शेष मुद्दों के स्वीकार्य समाधान पर काम करने पर सहमत हुए।
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