Home   »   भारत जलवायु प्रदर्शन सूचकांक में पहली...

भारत जलवायु प्रदर्शन सूचकांक में पहली बार शीर्ष 10 में हुआ शामिल

भारत जलवायु प्रदर्शन सूचकांक में पहली बार शीर्ष 10 में हुआ शामिल |_3.1
स्पेन की राजधानी मैड्रिड में COP25 जलवायु शिखर सम्मेलन में भारत इस वर्ष के जलवायु परिवर्तन प्रदर्शन सूचकांक (CCPI) की दृष्टि से पहली बार शीर्ष 10 में शामिल है। भारत में प्रति व्यक्ति उत्सर्जन और ऊर्जा उपयोग का वर्तमान स्तर उच्च श्रेणी के देशों में  9वें स्थान पर है,जो कि उत्सर्जन के तुलनात्मक रूप से निचले स्तर को दर्शाता है। हालांकि, जलवायु नीति में अच्छे प्रदर्शन के लिए उच्च रेटिंग के बावजूद, विशेषज्ञों का कहना है कि भारत ने अभी तक जीवाश्म ईंधन सब्सिडी को चरणबद्ध तरीके से समाप्त करने और कोयले पर देश की निर्भरता को कम करने की रूपरेखा तैयार नहीं की है।
रिपोर्ट में उल्लेख किया गया हैं कि भारत का अक्षय ऊर्जा श्रेणी में मध्य स्थान पर है, जबकि भारत का 2030 नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य अपनी अच्छी तरह से 2 डिग्री सेल्सियस की अनुकूलता के लिए बहुत अधिक है।रिपोर्ट में कहा गया है कि कोई भी देश पेरिस जलवायु लक्ष्यों के अनुरूप प्रदर्शन नहीं कर रहा है और रैंकिंग में पहले तीन स्थान खाली हैं। हालांकि यूरोपीय संघ के स्वीडन और डेनमार्क जैसे देश चौथे और पांचवें स्‍थान पर हैं लेकिन समग्र रेटिंग के लिहाज से यूरोपीय संघ के देशों के निष्‍पादन में व्‍यापक अंतर पाया गया है। जबकि जी-20 के केवल दो देश उच्च श्रेणी में हैं जिनमें ब्रिटेन 7वें और भारत 9वें स्थान पर है, जी-20 के आठ देश सूचकांक की सबसे खराब श्रेणी में शेष हैं। जिनमें ऑस्ट्रेलिया 61वें और सऊदी अरब 56वें स्थान पर हैं। सूचकांक को संयुक्त रूप से जर्मनवाच, न्यूक्लाइमेट इंस्टीट्यूट और क्लाइमेट एक्शन नेटवर्क द्वारा प्रस्तुत किया गया है। चीन, सबसे बड़ा वैश्विक उत्सर्जक सूचकांक में अपनी रैंकिंग को 30 वें स्थान पर थोड़ा सुधारता है।
रिपोर्ट में कहा गया है कि देश को अक्षय ऊर्जा की दृष्टि से मध्यम रेटिंग दी गयी है लेकिन भारत का 2030 नवीकरणीय ऊर्जा लक्ष्य बहुत ऊंचे दर्जे का है। दुनिया के सबसे बड़े उत्‍सर्जक चीन ने सूचकांक में अपनी रैंकिंग में मामूली सुधार कर 30वां स्थान हासिल किया है।
स्रोत: द न्यूज ओन AIR

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *