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भारत को मिला दूसरा GE-F404 इंजन

भारत में निर्मित हल्का लड़ाकू विमान (Light Combat Aircraft – LCA) तेजस Mk 1A अब तेजी से प्रगति की ओर बढ़ रहा है, क्योंकि GE Aerospace द्वारा दूसरा GE F404 इंजन हिंदुस्तान एरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) को सौंप दिया गया है। यह विकास उस समय हुआ है जब भारतीय वायुसेना (IAF) को अपने लड़ाकू स्क्वाड्रनों को उन्नत स्वदेशी विमानों से सुसज्जित करने की तत्काल आवश्यकता है।

पृष्ठभूमि

अगस्त 2021 में HAL ने GE Aerospace के साथ ₹5,375 करोड़ का अनुबंध किया था, जिसके तहत तेजस Mk 1A जेट के लिए 99 F404 इंजन आपूर्ति किए जाने हैं। वायुसेना ने पहले ही 83 तेजस Mk 1A विमानों का ऑर्डर दिया है और लगभग ₹67,000 करोड़ मूल्य के 97 और विमान खरीदने की योजना है। पहला इंजन अप्रैल 2025 में मिला था, हालांकि इसमें COVID-19 महामारी और आपूर्ति श्रृंखला में बाधाओं के चलते देरी हुई थी।

महत्व

तेजस Mk 1A की तैनाती इसलिए अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि वायुसेना पुराने MiG-21 जैसे विमानों को चरणबद्ध रूप से सेवानिवृत्त कर रही है। ऐसे में समय पर तेजस का उत्पादन और तैनाती संचालनिक तत्परता और रणनीतिक वायु श्रेष्ठता बनाए रखने के लिए आवश्यक है।

प्रमुख विशेषताएं

तेजस Mk 1A अपने पूर्ववर्ती संस्करणों की तुलना में कई उन्नत सुविधाओं से लैस है, जैसे:

  • AESA रडार (Active Electronically Scanned Array)

  • उन्नत इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सूट और जैमिंग क्षमताएं

  • बीवीआर (Beyond Visual Range) युद्धक क्षमताएं — Derby और स्वदेशी ASTRA मिसाइल के साथ

  • तेजस में ASTRA मिसाइल के एकीकरण का परीक्षण जारी है, जो आत्मनिर्भर भारत की क्षमताओं को दर्शाता है

उत्पादन और आपूर्ति समयरेखा

HAL का लक्ष्य दिसंबर 2025 तक 12 विमान सौंपने का है, जिनमें से छह पहले ही तैयार हो रहे हैं। प्रत्येक इंजन को विमान में फिट करने और परीक्षण के लिए लगभग एक महीने का समय लगता है। अधिकारियों ने बताया कि वर्ष के अंत तक GE से 10 इंजन मिलने की उम्मीद है, जिससे HAL 2026 में 16 विमान बना सकेगा, बशर्ते आपूर्ति समय पर हो। कुल 83 विमानों की डिलीवरी का लक्ष्य 2030 तक पूरा करने का है।

चुनौतियाँ

प्रमुख चुनौती इंजन की आपूर्ति में देरी रही है, जिससे उत्पादन कार्यक्रम प्रभावित हुआ। HAL प्रमुख ने बताया कि GE द्वारा डेडलाइन पूरी न कर पाने के कारण ही मार्च 2024 से डिलीवरी शुरू नहीं हो सकी। हाल ही में भारत के रक्षा मंत्री ने अमेरिका से इंजन की आपूर्ति में तेजी लाने का आग्रह किया है।

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