भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्द्धन और प्राधिकरण केंद्र (IN-SPACe) ने एसआईडीबीआई वेंचर कैपिटल लिमिटेड (SVCL) के सहयोग से भारत के निजी अंतरिक्ष पारिस्थितिकी तंत्र की वृद्धि को प्रोत्साहित करने के लिए ₹1,000 करोड़ का वेंचर कैपिटल फंड लॉन्च किया है। यह फंड, जिसे भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (SEBI) से औपचारिक स्वीकृति मिल चुकी है, अंतरिक्ष प्रौद्योगिकी से जुड़ी स्टार्टअप कंपनियों को शुरुआती और विकास पूंजी प्रदान करेगा — जिनमें लॉन्च सिस्टम, सैटेलाइट निर्माण, पेलोड विकास और डाउनस्ट्रीम अनुप्रयोग शामिल हैं।
IN-SPACe–SIDBI Space VC Fund का उद्देश्य भारतीय स्टार्टअप्स को वित्तीय सहायता प्रदान कर देश में स्वदेशी नवाचार को बढ़ावा देना और अंतरिक्ष क्षेत्र की पूरी वैल्यू चेन को सशक्त बनाना है।
लॉन्च टेक्नोलॉजी: लॉन्च व्हीकल और प्रणोदन प्रणाली (propulsion systems) विकसित करने वाली कंपनियों को फंडिंग।
सैटेलाइट एवं पेलोड सिस्टम: उपग्रह निर्माण और पेलोड नवाचार में कार्यरत स्टार्टअप्स का समर्थन।
इन-स्पेस सर्विसेज: ऑर्बिट में सर्विसिंग, स्पेस मैन्युफैक्चरिंग और मलबा प्रबंधन (debris management) में नए समाधान को प्रोत्साहन।
पृथ्वी अवलोकन एवं संचार: डेटा आधारित अनुप्रयोगों और संचार नेटवर्क को सशक्त बनाना।
डाउनस्ट्रीम एप्लिकेशन: कृषि, जलवायु और रक्षा के लिए अंतरिक्ष डेटा का उपयोग करने वाले उद्यमों में निवेश।
लोचन सेहरा, IAS, संयुक्त सचिव, IN-SPACe ने कहा —
“यह फंड भारत के निजी अंतरिक्ष क्षेत्र के लिए एक बड़ा सक्षम उपकरण साबित होगा। यह स्टार्टअप्स को वित्तीय समर्थन देगा ताकि वे अपने विचारों को परख सकें, स्वदेशी प्रौद्योगिकी विकसित कर सकें और आत्मविश्वास के साथ विस्तार कर सकें।”
अरूप कुमार, प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्यकारी अधिकारी, SVCL, ने कहा —
“अंतरिक्ष क्षेत्र राष्ट्रीय विकास का सबसे संभावनाशील क्षेत्र है। यह विशेष फंड नई कंपनियों को पूंजी और साहस देगा ताकि वे नवाचार करें, अपने आविष्कारों को व्यावसायिक रूप दें और भारत को एक वैश्विक अंतरिक्ष शक्ति बनने की दिशा में आगे बढ़ाएं।”
इस फंड को अक्टूबर 2024 में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने मंजूरी दी थी, जो भारत की निजी अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था को विस्तार देने की नीति का हिस्सा है।
SVCL, जो SIDBI की 100% स्वामित्व वाली सहायक कंपनी है, को फंड मैनेजर नियुक्त किया गया है।
फंड की शुरुआत लोचन सेहरा (IN-SPACe) और अरूप कुमार (SVCL) द्वारा हस्ताक्षरित योगदान समझौते के साथ हुई।
₹1,000 करोड़ का यह फंड भारत के प्रयासों में एक परिवर्तनकारी कदम है, जो निजी अंतरिक्ष उद्योग को वैश्विक स्तर पर प्रतिस्पर्धी बनाने की दिशा में अग्रसर करेगा।
अपेक्षित प्रभाव:
स्टार्टअप सशक्तिकरण: नई तकनीकों के नवाचार और व्यावसायीकरण को बढ़ावा।
स्वदेशीकरण: महत्वपूर्ण अंतरिक्ष प्रौद्योगिकियों में घरेलू क्षमताओं को मजबूत करना।
आर्थिक वृद्धि: उच्च मूल्य वाले रोजगार सृजन और वैश्विक अंतरिक्ष अर्थव्यवस्था में भारत की हिस्सेदारी बढ़ाना।
रणनीतिक नेतृत्व: भारत को किफायती और सतत अंतरिक्ष समाधानों का वैश्विक केंद्र बनाना।
| घटक | विवरण |
|---|---|
| फंड का आकार | ₹1,000 करोड़ |
| साझेदार संस्थाएं | IN-SPACe एवं SIDBI Venture Capital Limited (SVCL) |
| फंड मैनेजर | SVCL (SIDBI की 100% सहायक कंपनी) |
| स्वीकृति | केंद्रीय मंत्रिमंडल (अक्टूबर 2024) एवं SEBI की मंजूरी |
| उद्देश्य | अंतरिक्ष स्टार्टअप्स को शुरुआती और विकास पूंजी उपलब्ध कराना |
| मुख्य फोकस क्षेत्र | लॉन्च टेक्नोलॉजी, सैटेलाइट, पेलोड, इन-स्पेस सर्विसेज, पृथ्वी अवलोकन, संचार एवं डाउनस्ट्रीम एप्लिकेशन |
| उपस्थित अधिकारी | लोचन सेहरा (IN-SPACe) एवं अरूप कुमार (SVCL) |
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