अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने भारत की कुल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) वृद्धि के लिए वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए अपनी भविष्यवाणी को संशोधित किया है, जिसमें उसने इसे 20 बेसिस प्वाइंट कम करके 5.9 प्रतिशत कर दिया है। यह नवीनतम भविष्यवाणी भारतीय रिजर्व बैंक की 6.4 प्रतिशत की अनुमान से थोड़ी कम है। इस अधोगमन के बावजूद, भारत विश्व की सबसे तेजी से विकास करने वाली मुख्य अर्थव्यवस्था के रूप में प्रतिबद्ध है।
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IMF की विश्व आर्थिक आउटलुक रिपोर्ट:
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) ने हाल ही में अपनी विश्व आर्थिक दृष्टिकोण रिपोर्ट जारी की है, जिसमें उसने भारत के खुदरा महंगाई और विकास दर के लिए अपनी भविष्यवाणी को संशोधित किया है। आईएमएफ अब अपनी भविष्यवाणी में उम्मीद करता है कि भारत की खुदरा महंगाई वित्तीय वर्ष 2023-24 के लिए 4.9% और वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए 4.4% होगी।
आईएमएफ ने भारत के लिए वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए अपनी विकास दर की भविष्यवाणी भी संशोधित कर दी है, जिसमें उसने इसे जनवरी में की गई पूर्व भविष्यवाणी 6.8% से 6.3% कर दिया है। विकास दर की इस नीचे की भविष्यवाणी को भारत में हाल ही में कोविड-19 के मामलों में हुए तेज वृद्धि से जोड़ा जा रहा है, जिसने स्थानीय लॉकडाउन और पाबंदियों के लागू होने से आर्थिक गतिविधियों पर असर डाला है।
भारत: दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ती प्रमुख अर्थव्यवस्था:
अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) द्वारा जारी नवीनतम विश्व आर्थिक दृष्टिकोण आंकड़े दर्शाते हैं कि भारत दुनिया में सबसे तेजी से विकसित होने वाली अर्थव्यवस्था है, हालांकि विकास दर की भविष्यवाणी में बड़ी कमी हुई है जो 2022 में 6.8% से 2023 में 5.9% तक गिर गई है। इसके विपरीत, चीन की विकास दर की भविष्यवाणी है कि यह 2023 में 5.2% और 2024 में 4.5% होगी, जबकि इसकी विकास दर 2022 में 3% थी।
जबकि भारत की अगले वित्तीय वर्ष की विकास दर की भविष्यवाणी कम की गई है, लेकिन यह दुनिया की अधिकतर प्रमुख अर्थव्यवस्थाओं से अधिक है। COVID-19 महामारी ने वैश्विक अर्थव्यवस्था पर असर डाला है और आईएमएफ ने वैश्विक अर्थव्यवस्था के लिए भी अपनी विकास भविष्यवाणियों को कम कर दिया है, इस साल की विकास दर का 2.8% और 2024 में 3%, जो जनवरी की भविष्यवाणियों से 10 बेस प्वाइंट कम है।