Categories: Miscellaneous

आईआईटी रोपड़ ने पंजाब की सतलज नदी में दुर्लभ धातु ‘टैंटलम’ की खोज की

भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT), रोपड़ के शोधकर्ताओं ने पंजाब में सतलज नदी की रेत में टैंटलम की मौजूदगी पाई है। टैंटलम एक रेयर मेटल है। यह खोज संस्थान के सिविल इंजीनियरिंग विभाग में असिस्‍टेंट प्रोफेसर डॉ. रेस्मी सेबेस्टियन के नेतृत्‍व वाली टीम ने की है। एक्‍सपर्ट्स के अनुसार, टैंटलम की उपस्थिति न सिर्फ पंजाब बल्कि भारत के लिए भी महत्वपूर्ण है। कारण है कि इस मेटल का व्यापक रूप से इलेक्ट्रॉनिक्स और सेमीकंडक्‍टरों में इस्‍तेमाल होता है। यह धातु देश को दोबारा ‘सोने की च‍िड़‍िया’ बनाने का दम रखती है।

 

टैंटलम क्या है?

टैंटलम एक तरह की दुर्लभ धातु है। इसका एटॉमिक नंबर 73 होता है। एटॉमिक नंबर एलिमेंट के एक एटम में पाए जाने वाले प्रोटॉन की संख्या है। इसका रंग ग्रे होता है। यह भारी और बहुत कठोर होता है। आज इस्‍तेमाल में आने वाले सबसे अधिक करोजन-रजिस्‍टेंट मेटल में से यह एक है। इसके करोजन-रजिस्‍टेंट होने की वजह है। हवा के संपर्क में आने पर यह ऑक्साइड परत बनाता है। इसे हटाना बेहद मुश्किल होता है। फिर भले ही यह मजबूत और गर्म एसिड वातावरण के साथ संपर्क करता हो। टैंटलम लचीला होता है। इसका मतलब है कि बिना टूटे यह पतले तार या धागे में तब्‍दील हो सकता है। ठीक सोने की तरह। इसके अलावा अमेरिकी ऊर्जा विभाग के अनुसार, ‘यह 150 डिग्री सेल्सियस से नीचे के तापमान पर रासायनिक हमले के प्रति लगभग पूरी तरह से सेफ रहता है। केवल हाइड्रोफ्लोरिक एसिड, फ्लोराइड आयन युक्त एसिड सॉल्‍यूशन और फ्री सल्फर ट्राइऑक्साइड से इसे नुकसान होता है।

 

टैंटलम की खोज पहली बार ?

टैंटलम की खोज स्वीडन के रसायन वैज्ञानिक एंडर्स गुस्ताफ एकेनबर्ग ने 1802 में येटरबी (स्वीडन) से प्राप्त खनिजों में की थी। शुरुआत में यह सोचा गया था कि एकेनबर्ग ने नाइओबियम का केवल एक अलग रूप पाया है। यह एलिमेंट रासायनिक रूप से टैंटलम के समान होता है। यह मुद्दा 1866 में सुलझाया गया था। तब जब एक स्विस वैज्ञानिक जीन चार्ल्स गैलिसार्ड डी मैरिग्नैक ने साबित किया कि टैंटलम और नाइओबियम दो अलग-अलग एलिमेंट हैं।

 

टैंटलम का इस्‍तेमाल?

टैंटलम का उपयोग इलेक्ट्रॉनिक सेक्‍टर में सबसे अधिक किया जाता है। टैंटलम से बने कैपेसिटर किसी भी अन्य प्रकार के कैपेसिटर की तुलना में बिना अधिक रिसाव के छोटे आकार में अधिक बिजली स्‍टोर करने में सक्षम होते हैं। इसी के चलते स्मार्टफोन, लैपटॉप और डिजिटल कैमरे जैसे पोर्टेबल इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों में टैंटलम का इस्‍तेमाल होता है।

 

Find More Miscellaneous News Here

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

भारत का कौन सा शहर साहित्य के शहर के रूप में जाना जाता है?

केरल में स्थित कोझिकोड, जिसे कालीकट के रूप में भी जाना जाता है, को भारत…

2 hours ago

भारत के आठ प्रमुख क्षेत्रों के उत्पादन में नवंबर 2025 में दर्ज की गई 1.8% की वृद्धि

भारत के आठ प्रमुख उद्योगों ने नवंबर 2025 में 1.8% का उछाल देखा, जिसका मुख्य…

2 hours ago

बंदरगाहों और जहाजों की सुरक्षा को बढ़ावा देने के लिए सरकार करेगी बंदरगाह सुरक्षा ब्यूरो की स्थापना

भारत सरकार द्वारा बंदरगाह और पोत सुरक्षा को मजबूत करने के लिए बंदरगाह सुरक्षा ब्यूरो…

2 hours ago

दिल्ली-NCR में स्थित, वर्ष 2024 के शीर्ष 20 सबसे प्रदूषित निगरानी केंद्र

एक नए शोध ने दिल्ली-एनसीआर में गंभीर वायु प्रदूषण संकट को फिर से उजागर किया…

3 hours ago

अधिवक्ता शुभम अवस्थी को प्रतिष्ठित ’40 अंडर 40 लॉयर अवार्ड’ 2025 से किया गया सम्मानित

सुप्रीम कोर्ट के वकील शुभम अवस्थी को जनहित याचिका और भारत के न्यायिक तंत्र पर…

3 hours ago

अरावली पहाड़ियों की रीडिफाइनिंग: नए मानदंड, व्यापक एक्सक्लूज़न्स और पर्यावरणीय निहितार्थ

अरावली पर्वत श्रृंखला, जो दुनिया की सबसे पुरानी पर्वत श्रृंखलाओं में से एक मानी जाती…

3 hours ago