IIT-रूडकी ने AIIMS-ऋषिकेश के सहयोग से ‘प्राण-वायु’ नामक एक कम लागत वाला पोर्टेबल वेंटिलेटर विकसित किया है, जिसे केवल 25,000 रु. में तैयार किया जा सकता है। वेंटिलेटर, सांस में दिक्कत में वाइड डिग्री के लिए उपयोगी होगा और यह सभी आयु वर्ग के रोगियों, विशेष रूप से बुजुर्गों के लिए प्रयोग किया जा सकत है। यह बंद लूप वेंटिलेटर अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस है और कोरोनावायरस (COVID-19) रोगियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में उपयोगी साबित हो सकता है।
‘Prana-Vayu’ वेंटीलेटर कैसे काम करता है?
वेंटिलेटर मरीज को आवश्यक मात्रा में वायु पहुंचाने के लिए प्राइम मूवर के नियंत्रित ऑपरेशन पर आधारित है। इसकी स्वचालित प्रक्रिया सांस लेने और छोड़ने के अनुसार दबाव और प्रवाह दर को नियंत्रित करती है। वेंटिलेटर में एक व्यवस्था भी है, जो प्रति मिनट ज्वार की मात्रा (tidal volume ) और सांस को नियंत्रित कर सकती है।
आईआईटी-रुड़की की टिंकरिंग लेबोरेटरी में शोध की शुरुआत आईआईटी रुड़की की एक टीम में प्रो. अक्षय द्विवेदी और प्रो. अरुप कुमार दास ने की, जिन्हें एम्स, ऋषिकेश से देवेंद्र त्रिपाठी का ऑनलाइन सहयोग मिला।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- आईआईटी-रुड़की के निदेशक: अजीत के चतुर्वेदी।
- आईआईटी-रुड़की का मुख्यालय: रुड़की, उत्तराखंड।