मद्रास के भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IITM) ने नार्थ टेक्सास की यूनिवर्सिटी और यूनाइटेड स्टेट्स आर्मी लैब के साथ साझेदारी की है। यह साझेदारी कार्बन फुटप्रिंट को कम करने और ईंधन दक्षता बढ़ाने के लिए ऑटोमोबाइल उद्योग में स्टील और एल्यूमीनियम को बदलने के लिए मैग्नीशियम मिश्र धातु विकसित करने के लिए की गई है।
यह डील वाहनों की बॉडी में हल्के वजन के मटेरियल का इस्तेमाल करके वाहनों के कार्बन फुटप्रिंट को कम करने में विशेषज्ञता हासिल करने के लिए की गई है। चूँकि हल्के वाहन चलने के दौरान कम ईंधन की खपत करते हैं और इस तरह वह ऊर्जा-दक्षता बढ़ाने में एक अहम भूमिका निभाते हैं। वर्तमान में वाहन उत्सर्जन में कुल CO2 उत्सर्जन का 27 प्रतिशत योगदान है। सबसे हल्के और ऊर्जा-कुशल संरचनात्मक मटेरियल में से एक मैग्नीशियम मिश्र धातुएं, ऑटोमोटिव और एयरोस्पेस घटकों में स्टील और एल्यूमीनियम मिश्र धातुओं का आदान-प्रदान करने के लिए आदर्श मटेरियल हैं क्योंकि उनका घनत्व एल्यूमीनियम का दो-तिहाई और स्टील का एक-चौथाई होता है।
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- IIT मद्रास के निदेशक: भास्कर राममूर्ति.
- IIT मद्रास की स्थापना: 1959.