
भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (IIT) मद्रास के इनक्यूबेटेड फर्म ने एक स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम ‘BharOS’ विकसित किया है। यह ऑपरेटिंग सिस्टम यूजर्स को हाईटेक सिक्योरिटी और प्राइवेसी प्रदान करता है। नए ऑपरेटिंग सिस्टम ‘BharOS’ के बारे में कहा जा रहा है कि यह भारत के 100 करोड़ मोबाइल फोन यूजर्स को लाभान्वित कर सकता है। ‘भरोस’ कहे जाने वाले इस सॉफ्टवेयर को कमर्शियल ऑफ-द-शेल्फ डिवाइस पर इंस्टॉल किया जा सकता है। यह यूजर्स के लिए एक सुरक्षित वातावरण प्रदान करता है और ‘आत्मनिर्भर भारत’ की दिशा में एक महत्वपूर्ण टूल साबित हो सकता है।
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BharOS के बारे में
आईआईटी मद्रास के निदेशक वी. कामकोटि ने इस स्वदेशी आत्मनिर्भर मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम के बारे में जानकारी दी है। वी. कामकोटि ने कहा कि भरोस यूजर्स को उनकी जरूरतों के अनुरूप एप चुनने और उपयोग करने के लिए अधिक स्वतंत्रता, नियंत्रण और लचीलापन प्रदान करने पर ध्यान केंद्रित करता है। फिलहाल स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम भरोस की सेवाएं उन संगठनों को प्रदान की जा रही हैं जिन्हें सिक्योरिटी और प्राइवेसी की सख्त आवश्यकता है।
दरअसल, इन संगठनों के यूजर्स संवेदनशील जानकारी को संभालते हैं और इसके लिए मोबाइल पर प्रतिबंधित एप्स पर प्राइवेट कम्युनिकेशन की आवश्यकता होती है। ऐसे यूजर्स को प्राइवेट 5G नेटवर्क के माध्यम से प्राइवेट क्लाउड सर्विस तक पहुंच की आवश्यकता होती है। ऐसे में इस स्वदेशी मोबाइल ऑपरेटिंग सिस्टम को ज्यादा भरोसेमंद माना जा रहा है।
बता दें कि यह सॉफ्टवेयर जेएनडीके ऑपरेशन्स प्राइवेट द्वारा विकसित किया गया है, जिसे आईआईटी मद्रास प्रवर्तक टेक्नोलॉजीज फाउंडेशन द्वारा विकसित किया गया है। यह आईआईटी मद्रास की एक नॉट फॉर प्रॉफिट कंपनी है।



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