भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान के पूर्व छात्रों की परिषद (IIT Alumni Council) ने भारत में दुनिया के सबसे बड़े और सबसे तेज हाइब्रिड क्वांटम कंप्यूटर को विकसित करने के लिए रूस के लोमोनोसोव मॉस्को स्टेट यूनिवर्सिटी (MSU) और रूसॉफ्ट के साथ एक समझौते पर हस्ताक्षर किए हैं। भारत-रूसी संयुक्त परियोजनाओं के लिए सबसे आशाजनक क्षेत्र सूचना और संचार प्रौद्योगिकी, अंतरिक्ष अनुसंधान, जलवायु परिवर्तन, क्वांटम प्रौद्योगिकी और डेटा सुरक्षा हैं।
इस समझौते का उद्देश्य आत्मनिर्भर भारत के मिशन को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य, कृषि, परिवहन और रसद, प्रदूषण और मौसम के पूर्वानुमान के क्षेत्र में प्रौद्योगिकी का उपयोग करना है। समझौते के तहत, रूस की सरकारी कंपनियां, जो प्रमुख बौद्धिक संपदा अधिकार (Intellectual Property Rights) के मालिक हैं, IIT पूर्व छात्र परिषद को क्रायोजेनिक, क्रिप्टोग्राफी और मॉड्यूलर क्लाउड मैनेजमेंट टेक्नोलॉजी जैसी तकनीक को ट्रांसफर करेंगी।
क्वांटम कम्प्यूटिंग क्या है?
भारत के सबसे तेज सुपरकंप्यूटर की तुलना में क्वांटम कम्प्यूटिंग कई मिलियन गुना तेज होता है। साथ ही यह, जीनोम परीक्षण की लागत को 1 लाख रुपये से घटाकर 1,000 रुपये से कम प्रति नमूने पर ले आएगा, इस तकनीक के देश में आने के बाद इंफार्मेशन टेक्नोलॉजी में क्रांति आ जाएगी। इसके जरिए मौसम की सटीक भविष्यवाणी, स्वास्थ एवं परिवार कल्याण क्षेत्र में सिमुलेशन की प्रक्रिया, एडवांस मैन्युफैक्चरिंग, कृषि और अन्य सामाजिक क्षेत्रों में बहुत कम लागत में गुणात्मक बदलाव किए जा सकेंगे।
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महत्वपूर्ण तथ्य-
- IIT पूर्व छात्र परिषद के अध्यक्ष: रवि शर्मा.
- IIT पूर्व छात्र परिषद मुख्यालय: नई दिल्ली.