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दुबई में खुलेगा IIM-Ahmedabad का परिसर

वैश्विक विस्तार की दिशा में एक बड़े कदम के रूप में, भारतीय प्रबंधन संस्थान (IIM) अहमदाबाद दुबई में अपना पहला विदेशी कैंपस स्थापित करने जा रहा है। यह निर्णय IIM-अहमदाबाद और संयुक्त अरब अमीरात (UAE) सरकार के बीच हुए एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर के बाद लिया गया है। यह पहल अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भारत की उच्च शिक्षा की पहुंच को मजबूत बनाएगी। दुबई कैंपस में शुरुआत में वैश्विक पेशेवरों और उद्यमियों के लिए एक वर्षीय पूर्णकालिक MBA प्रोग्राम शुरू किया जाएगा। यह कैंपस सितंबर 2025 में खोला जाएगा और यह प्रबंधन शिक्षा में भारत की वैश्विक उपस्थिति को सशक्त बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। कैंपस की स्थापना दो चरणों में की जाएगी—पहला चरण दुबई के इंटरनेशनल अकैडमिक सिटी (DIAC) में शुरू होगा, जबकि स्थायी कैंपस 2029 तक पूरी तरह से कार्यशील हो जाएगा।

मुख्य विशेषताएं
IIM-अहमदाबाद का दुबई कैंपस स्थापित होना
IIM-अहमदाबाद का पहला अंतरराष्ट्रीय कैंपस दुबई में स्थापित किया जाएगा, जो संस्थान के लिए एक ऐतिहासिक और अग्रणी पहल है। इस घोषणा के पीछे IIM-अहमदाबाद और यूएई सरकार के बीच मुंबई में हुए समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर हैं।

MBA कार्यक्रम
दुबई कैंपस में शुरुआत में एक वर्षीय पूर्णकालिक MBA प्रोग्राम की पेशकश की जाएगी। यह कार्यक्रम वैश्विक पेशेवरों और उद्यमियों की उन्नत प्रबंधन शिक्षा और कौशल वृद्धि की ज़रूरतों को ध्यान में रखकर तैयार किया गया है। पहले बैच के लिए जल्द ही प्रवेश प्रक्रिया शुरू होगी और कक्षाएं सितंबर 2025 से शुरू होंगी।

चरणबद्ध विकास

  • चरण 1: कैंपस दुबई इंटरनेशनल अकैडमिक सिटी (DIAC) में संचालन शुरू करेगा, जो एक प्रमुख शैक्षणिक केंद्र है और अपनी बहुसांस्कृतिक वातावरण तथा आधुनिक संसाधनों के लिए जाना जाता है।

  • चरण 2: यूएई सरकार द्वारा आवंटित ज़मीन पर 2029 तक एक स्थायी कैंपस स्थापित किया जाएगा।

रणनीतिक स्थान और विज़न
दुबई को नवाचार, निवेश और उद्यमिता का वैश्विक केंद्र माना जाता है, जिससे यह कैंपस के लिए आदर्श स्थान बनता है। दुबई कैंपस अंतरराष्ट्रीय बाज़ारों, विश्व-स्तरीय फैकल्टी और विविध छात्र समुदाय तक पहुंच प्रदान करेगा, जिससे IIM-अहमदाबाद की वैश्विक शैक्षणिक दृष्टि साकार होगी।

सरकारी और संस्थागत सहयोग
इस परियोजना में यूएई सरकार के समर्थन को केंद्रीय शिक्षा मंत्री धर्मेंद्र प्रधान ने रेखांकित किया और इसे भारतीय उच्च शिक्षा के वैश्वीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया।
IIM-अहमदाबाद के निदेशक भरत भास्कर ने विश्वास जताया कि दुबई कैंपस मध्य पूर्व और एशिया में अकादमिक और शोध सहयोग के लिए नए मानदंड स्थापित करेगा।

दुबई की आर्थिक विकास संस्था के साथ सहयोग
दुबई इकोनॉमिक डेवलपमेंट कॉरपोरेशन (DEDC) के CEO हादी बदरी ने कहा कि यह कैंपस दुबई की प्रतिभा और नवाचार केंद्र के रूप में प्रतिष्ठा को और सुदृढ़ करेगा।
यूएई में भारत के राजदूत सुंजय सुधीर ने इसे भारत-यूएई द्विपक्षीय संबंधों में एक ऐतिहासिक क्षण करार दिया।

कार्यक्रम की प्रवेश प्रक्रिया और संरचना
दुबई कैंपस का MBA कार्यक्रम पाँच टर्म में विभाजित होगा और यह अंतरराष्ट्रीय दृष्टिकोण के साथ कठोर अकादमिक ढांचा प्रदान करेगा।
इसमें विभिन्न प्रबंधन क्षेत्रों में विशेषज्ञता के लिए व्यापक चुनावी पाठ्यक्रम (इलेक्टिव्स) उपलब्ध होंगे।

IIM अहमदाबाद पर रणनीतिक प्रभाव
यह कैंपस IIM अहमदाबाद की वैश्विक नेतृत्वकारी प्रबंधन संस्थान के रूप में स्थिति को और मजबूत करेगा।
यह सहयोग सांस्कृतिक आदान-प्रदान को बढ़ावा देगा और छात्रों को वैश्विक स्तर पर सफलता पाने के लिए तैयार करेगा।

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