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भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट 8.5% रहने का अनुमान: ICRA

भारत का जीडीपी ग्रोथ रेट 8.5% रहने का अनुमान: ICRA |_30.1

रेटिंग एजेंसी इक्रा (ICRA) ने भारत की इकॉनमी ग्रोथ अच्छी रहने वाली है। रेटिंग एजेंसी ने चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही (अप्रैल-जून) में जीडीपी ग्रोथ बढ़कर 8.5 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है। रेटिंग एजेंसी ने देश के केंद्रीय बैंक (RBI) के अनुमान से अधिक ग्रोथ रहने की उम्मीद की है। गौरतलब है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अप्रैल-जून, 2023 की तिमाही में देश की जीडीपी 8.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया है , जबकि रेटिंग एजेंसी इक्रा ने 8.5 फीसदी का अनुमान दिया है।

 

ICRA का अनुमान

भारत की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) की वृद्धि दर चालू वित्त वर्ष की पहली (अप्रैल-जून) तिमाही में बढ़कर 8.5 प्रतिशत रह सकती है। इक्रा रेटिंग्स ने जारी एक रिपोर्ट में यह अनुमान लगाया है। इससे पिछली यानी जनवरी-मार्च की तिमाही में आर्थिक वृद्धि दर 6.1 प्रतिशत रही थी। रेटिंग एजेंसी ने कहा कि अनुकूल आधार प्रभाव और सेवा क्षेत्र में सुधार के चलते वृद्धि तेज रहने का अनुमान है।

 

आरबीआई का अनुमान

भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने अप्रैल-जून, 2023 की तिमाही में वृद्धि दर 8.1 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया है। इस तरह इक्रा का अनुमान केंद्रीय बैंक के अनुमान से अधिक है। इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री अदिति नायर ने कहा कि चालू वित्त वर्ष की दूसरी छमाही में विपरीत परिस्थितियां देखने को मिल सकती हैं। इक्रा ने वित्त वर्ष 2023-24 के लिए अपने वृद्धि अऩुमान को छह प्रतिशत पर बरकरार रखा है। यह आरबीआई के 6.5 प्रतिशत के अनुमान से कम है।

 

मौद्रिक सख्ती का असर कम

इक्रा की मुख्य अर्थशास्त्री नायर ने कहा कि पहली तिमाही में बेमौसम भारी बारिश, मौद्रिक सख्ती का असर कम होने और कमजोर बाहरी मांग के कारण जीडीपी वृद्धि पर दबाव पड़ा है। आरबीआई ने चालू वित्त वर्ष के लिये जीडीपी वृद्धि के अनुमान को 6.5 प्रतिशत पर बरकरार रखा है। इसके अतिरिक्त वित्तीय वर्ष 2025 की पहली तिमाही में रियल जीडीपी दर 6.6 फीसदी तक रह सकती है।

 

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FAQs

जीडीपी क्या है?

जीडीपी (GDP) की फुल फॉर्म सकल घरेलू उत्पाद (Gross Domestic Product) है। GDP एक निश्चित समय अवधि में किसी देश की सीमाओं के भीतर उत्पादित सभी तैयार वस्तुओं और सेवाओं का कुल मौद्रिक या बाजार मूल्य GDP के रूप में जाना जाता है।