भारत के प्रसिद्ध शेफ इम्तियाज कुरैशी का 93 साल की उम्र में निधन हो गया। पद्म श्री पुरस्कार विजेता, जिन्हें अक्सर “पाक कला प्रतिभा” के रूप में जाना जाता है, ने प्राचीन दम पुख्त खाना पकाने की तकनीक को भारतीय व्यंजनों में सबसे आगे लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी। उनकी विरासत, आईटीसी होटलों में बुखारा जैसे लक्जरी डाइनिंग स्थलों पर परोसे जाने वाले प्रतिष्ठित व्यंजनों में सन्निहित है, जो भारतीय गैस्ट्रोनॉमी के ताने-बाने पर एक अमिट छाप छोड़ती है।
इम्तियाज कुरैशी नाम आईटीसी होटल्स के प्रमुख रेस्तरां बुखारा का पर्याय बन गया, जहां उन्होंने दम पुख्त व्यंजनों पर अपनी महारत का प्रदर्शन किया। उनके मार्गदर्शन में, बुखारा न केवल भारत में बल्कि विश्व स्तर पर एक पाक गंतव्य के रूप में उभरा, जिसने दाल बुखारा और सिकंदरी रान जैसे प्रसिद्ध व्यंजनों का अनुभव करने के लिए सभी कोनों से भोजन पारखी लोगों को आकर्षित किया। उनका योगदान रसोई से आगे तक बढ़ा, उन्होंने जिन प्रतिष्ठानों के साथ काम किया, उनके डिजाइन और माहौल को प्रभावित करते हुए भारत की पाक विरासत की भव्यता और सुंदरता को प्रतिबिंबित किया।
इम्तियाज कुरैशी का जन्म साल 1931 में लखनऊ में एक शेफ परिवार में हुआ था। उन्होंने कम उम्र में अपनी यात्रा शुरू की और दिल्ली के बुखारा और दम पुख्त जैसे विश्व-प्रसिद्ध ब्रांड बनाए। केंद्र सरकार ने साल 2016 में उन्हें इस क्षेत्र में उनके योगदान के लिए देश के चौथे सबसे बड़े नागरिक सम्मान पद्मश्री से सम्मानित किया।
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