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लोकप्रिय नृत्यांगना यामिनी कृष्णमूर्ति का निधन

लोकप्रिय नृत्यांगना यामिनी कृष्णमूर्ति का निधन |_3.1

लोकप्रिय भरतनाट्यम और कुचिपुड़ी नृत्यांगना यामिनी कृष्णमूर्ति का 03 अगस्त 2024 को निधन हो गया है। 84 साल की उम्र में उनका निधन हो गया। वह पिछले कुछ समय से वृद्धावस्था संबंधी बीमारियों से पीड़ित थीं। भरतनाट्यम के अलावा उन्हें कुचिपुड़ी डांस फॉर्म में भी महारत हासिल थी।

नृत्यांगना के निधन पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शोक व्यक्त किया है। आज रविवार को उन्होंने एक्स पर पोस्ट साझा किया है। पीएम मोदी ने एक्स पर पोस्ट साझा कर लिखा है, ‘डॉ. यामिनी कृष्णमूर्ति के निधन की खबर से बेहद दुःख हुआ। भारतीय शास्त्रीय नृत्य के प्रति उनकी उत्कृष्टता और समर्पण ने कई पीढ़ियों को प्रेरित किया है और हमारे सांस्कृतिक परिदृश्य पर एक अमिट छाप छोड़ी है। उन्होंने हमारी विरासत को समृद्ध करने के लिए बहुत काम किया। उनके परिवार और प्रशंसकों के प्रति मेरी संवेदना। ओम शांति’।

यामिनी कृष्णमूर्ति के बारे में

आंध्र प्रदेश के मदनपल्ली में जन्मीं यामिनी कृष्णमूर्ति का पालन-पोषण तमिलनाडु के चिदंबरम में हुआ था। उनका जन्म 1940 में आंध्र प्रदेश के मदनपल्ले में कृष्णमूर्ति दंपति के घर हुआ था। साल 1957 में यामिनी ने डांस में अपना करियर शुरू किया था। बचपन से ही उन्हें डांस में दिलचस्पी थी। जैसे ही उन्होंने डांस में अपना करियर शुरू किया, वह हर ओर छा गईं। कुचिपुड़ी डांस स्टाइल में वह ‘मशाल वाहक’ के रूप में जानी-जाती थीं।

यामिनी कृष्णमूर्ति ने 1957 में मद्रास में डेब्यू किया था। उन्हें तिरुमाला तिरूपति देवस्थानम की अस्थाना नर्तकी (निवासी नर्तकी) होने का सम्मान प्राप्त था। वह यामिनी स्कूल ऑफ डांस से डांसिंग इंस्टीट्यूट चलाती थीं।

कई सम्मानों से नवाजा गया

नृत्यांगना अपने संस्थान, यामिनी स्कूल ऑफ डांस, हौज खास, नई दिल्ली में युवा नर्तकियों को नृत्य की शिक्षा देती थीं। यामिनी कृष्णमूर्ति के नृत्य करियर ने उन्हें कई पुरस्कार दिलाए, जिनमें पद्म श्री (1968), पद्म भूषण (2001), और पद्म विभूषण (2016) शामिल हैं, जो भारत के सर्वोच्च नागरिक पुरस्कारों में से हैं।

 

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