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आईसीजीएस अक्षर का जलावतरण: तटरक्षक बेड़े को बढ़ावा

भारतीय तटरक्षक बल के जहाज (आईसीजीएस) 4 अक्टूबर, 2025 को अक्षर का पुडुचेरी के कराईकल में आधिकारिक रूप से जलावतरण किया गया, जो समुद्री आत्मनिर्भरता की दिशा में भारत की यात्रा में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर साबित होगा। गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (जीएसएल) द्वारा डिज़ाइन और निर्मित, यह पोत ‘आत्मनिर्भर भारत’ और ‘मेक इन इंडिया’ पहलों के तहत भारत के रक्षा क्षेत्र की बढ़ती स्वदेशी क्षमताओं का प्रतिनिधित्व करता है।

आईसीजीएस अक्षर के बारे में

आईसीजीएस अक्षरआदम्य-श्रेणी (Adamya-class)” के तेज गश्ती पोतों (Fast Patrol Vessels – FPVs) में दूसरा पोत है। यह श्रृंखला कुल आठ जहाजों की है, जिन्हें समुद्री तटों पर तेज गति से गश्त और निगरानी अभियानों के लिए विशेष रूप से डिजाइन किया गया है। इस पोत में 60% से अधिक स्वदेशी घटक शामिल हैं, जो भारत के रक्षा निर्माण क्षेत्र में आत्मनिर्भरता और स्थानीयकरण की दिशा में किए जा रहे प्रयासों को दर्शाते हैं। यह ‘मेक इन इंडिया’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ अभियानों की भावना को सशक्त रूप से प्रतिबिंबित करता है।

डिज़ाइन और क्षमताएँ

आईसीजीएस अक्षर की लंबाई 51 मीटर है और इसका विस्थापन लगभग 320 टन है। इसे दो 3,000 kW डीज़ल इंजनों द्वारा संचालित किया जाता है, जो इसे अधिकतम 27 नॉट्स की गति प्रदान करते हैं। आर्थिक गति पर यह पोत लगभग 1,500 नौटिकल मील तक की यात्रा कर सकता है, जिससे लंबी समुद्री गश्त और संचालन की क्षमता सुनिश्चित होती है।

प्रमुख तकनीकी विशेषताएँ

  • Controllable Pitch Propellers (CPP) और स्वदेशी गियरबॉक्स – बेहतर संचालन और दिशा नियंत्रण के लिए।

  • हथियार:

    • 30 मिमी CRN 91 तोप

    • दो 12.7 मिमी Stabilized Remote-Controlled Guns (SRCGs)

  • स्वचालन प्रणालियाँ:

    • एकीकृत ब्रिज सिस्टम (आईबीएस)

    • एकीकृत प्लेटफ़ॉर्म प्रबंधन प्रणाली (आईपीएमएस)

    • स्वचालित विद्युत प्रबंधन प्रणाली (एपीएमएस)

इन प्रणालियों के माध्यम से पोत कम कर्मीदल में भी कुशलता से संचालन कर सकता है और मिशन की प्रभावशीलता बढ़ा सकता है।

संचालन भूमिका और तैनाती

आईसीजीएस अक्षर कारैकल (पुदुचेरी) में तैनात होगा और यह कोस्ट गार्ड रीजन (पूर्व) के अंतर्गत, जिला मुख्यालय संख्या 13 के माध्यम से कार्य करेगा। इसके मुख्य कार्य निम्नलिखित हैं:

  • भारत के समुद्री क्षेत्रों में गश्त और निगरानी

  • खोज एवं बचाव (Search and Rescue) अभियान

  • तस्करी और अवैध मछली पकड़ने की रोकथाम

  • तटीय और विशेष आर्थिक क्षेत्र (Exclusive Economic Zone) में पर्यावरण संरक्षण

इस बहुमुखी भूमिका के कारण यह पोत भारत की तटीय सुरक्षा प्रणाली को विशेष रूप से पूर्वी तट पर मजबूत बनाने में एक महत्वपूर्ण संसाधन है।

आत्मनिर्भर भारत में महत्व

आईसीजीएस अक्षर भारत की स्वदेशी नौसैनिक निर्माण क्षमता का स्पष्ट उदाहरण है। इसे पूरी तरह से भारतीय शिपयार्ड में बनाया गया है और भारतीय निर्मित प्रणालियों से लैस किया गया है। इसके माध्यम से निम्नलिखित लाभ होते हैं:

  • रक्षा निर्माण पारिस्थितिकी तंत्र को सशक्त बनाना

  • समुद्री स्वचालन और प्लेटफ़ॉर्म एकीकरण में उन्नति

  • विदेशी रक्षा आयात पर निर्भरता में कमी

  • पोत घटकों की आपूर्ति में स्थानीय MSMEs और कुशल रोजगार को प्रोत्साहन

ये प्रयास न केवल रणनीतिक क्षमता बढ़ाते हैं, बल्कि भारत को वैश्विक रक्षा निर्यातक बनने की दिशा में भी अग्रसर करते हैं।

स्थिर तथ्य 

विवरण जानकारी
नाम आईसीजीएस अक्षर (ICGS Akshar)
श्रेणी आदम्य-श्रेणी तेज गश्ती पोत (Adamya-class FPV)
लंबाई 51 मीटर
गति 27 नॉट्स
संचालन दूरी 1,500 नौटिकल मील
निर्माता गोवा शिपयार्ड लिमिटेड (GSL)
कमीशन तिथि 4 अक्टूबर 2025
स्थान कारैकल, पुदुचेरी
प्रणोदन प्रणाली दो 3,000 kW डीज़ल इंजन, CPP गियरबॉक्स
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