अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट की ओर से बड़ा फैसला लेते हुए इस बात का ऐलान किया गया है कि अब अंतर्राष्ट्रीय महिला क्रिकेट में ट्रांसजेंडर क्रिकेटर्स नहीं खेल सकेंगे। आईसीसी की ओर से ये फैसला खेल की अखंडता को बरकार रखने के लिए लिया गया। अब महिला क्रिकेट में किसी भी तरह से ट्रांसजेंडर खिलाड़ी नहीं खेल सकेंगे।
आईसीसी की ओर से एक बयान में कहा गया कि नई नीति कुछ सिद्धांतों पर आधारित है, जिसमें प्राथमिकता, महिला खेल की अखंडता, सुरक्षा, निष्पक्षता और समावेश शामिल है और इसका मतलब ये है कि कोई भी पुरुष से महिला प्रतिभागी, जो ज़िंदगी में किसी भी तरह से पुरुष यौवन (puberty) से गुज़रा हो, वो किसी भी तरह से अंतर्राष्ट्रीय महिला खेल में भाग नहीं ले सकेगा, भले ही उन्होंने कोई सर्जरी या लिंग परिवर्तन करवाया हो।
महिला क्रिकेट दिन प्रतिदिन बढ़ता ही जा रहा है। इंटरनेशनल के अलावा फ्रेंचाइजी महिला क्रिकेट को भी खूब बढ़ावा मिल रहा है। भारत में 2023 में पहली बार महिला आईपीएल हुआ था, जिसे विमेंस प्रीमियर लीग के नाम से जाना गया था। टूर्नामेंट के पहले सीज़न में कुल पांच टीमों ने हिस्सा लिया था। पिछली बार की तरह 2024 में विमेंस प्रीमियर लीग खेला जाएगा. यानी अंतर्राष्ट्रीय क्रिकेट के अलावा फ्रेंचाइज़ी क्रिकेट में भी महिला क्रिकेट को खूब बढ़ावा मिल रहा है।
वहीं विमेंस प्रीमियर लीग से पहले दुनिया के कई देशों में महिला फ्रेंचाइज़ी क्रिकेट खेला जा रहा है, जिसमें बिग बैश लीग जैसे टूर्नामेंट शामिल हैं। बता दें कि महिला बिग बैश लीग में भारत की महिला क्रिकेटर्स हिस्सा लेती हैं। हालांकि इसके विपरीत पुरुष भारतीय क्रिकेटर्स के लिए ये पॉलिसी विपरीत है। पुरुष भारतीय क्रिकेटर्स आईपीएल के अलावा दुनिया की भी लीग में हिस्सा नहीं ले सकते हैं।
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