कई राज्यों में मवेशियों में ढेलेदार त्वचा रोग तेजी से फैल रहा है। ऐसे में अब इसके उपचार की दिशा में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। आईसीएआर के दो संस्थानों ने मवेशियों के इस रोग के उपचार के लिए एक स्वदेशी टीका विकसित किया है।
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केंद्र ने आईसीएआर के दो संस्थानों द्वारा विकसित इस टीके के वाणिज्यिकरण की योजना बनाई है, ताकि गांठदार त्वचा रोग (एलएसडी) को नियंत्रित किया जा सके। इससे छह राज्यों में कई मवेशियों की मौत हो गई है।
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