कई राज्यों में मवेशियों में ढेलेदार त्वचा रोग तेजी से फैल रहा है। ऐसे में अब इसके उपचार की दिशा में भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद (आईसीएआर) ने एक बड़ी सफलता हासिल की है। आईसीएआर के दो संस्थानों ने मवेशियों के इस रोग के उपचार के लिए एक स्वदेशी टीका विकसित किया है।
Buy Prime Test Series for all Banking, SSC, Insurance & other exams
IBPS PO Notification 2022 Out: Click Here to Download PDF
केंद्र ने आईसीएआर के दो संस्थानों द्वारा विकसित इस टीके के वाणिज्यिकरण की योजना बनाई है, ताकि गांठदार त्वचा रोग (एलएसडी) को नियंत्रित किया जा सके। इससे छह राज्यों में कई मवेशियों की मौत हो गई है।
दक्षिण अफ्रीका के ऑफ़ स्पिनर साइमन हार्मर को नवंबर 2025 के लिए ICC मेन्स प्लेयर…
भारत और ब्राज़ील ने स्कॉर्पीन श्रेणी की पनडुब्बियों के रखरखाव से संबंधित एक त्रिपक्षीय समझौता…
इंडियन प्रीमियर लीग (IPL) में एक नया रिकॉर्ड बना, जब चेन्नई सुपर किंग्स (CSK) ने…
विजय दिवस, जिसे विक्ट्री डे या बिजॉय डिबोस भी कहा जाता है, भारत और बांग्लादेश…
भारत ने DHRUV64 के प्रक्षेपण के साथ तकनीकी आत्मनिर्भरता की दिशा में एक ऐतिहासिक उपलब्धि…
फिल्मफेयर OTT अवॉर्ड्स 2025 का छठा संस्करण 15 दिसंबर 2025 को मुंबई में आयोजित किया…