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10 दिन तक चलेगा गगन शक्ति अभ्यास

10 दिन तक चलेगा गगन शक्ति अभ्यास |_3.1

भारतीय वायु सेना (एआईएफ) देश का सबसे बड़ा हवाई सैन्य अभ्यास ‘गगन शक्ति-2024’ का आयोजन करने जा रही है। 10 दिवसीय ‘गगन शक्ति-2024’ युद्धाभ्यास में देश के सभी वायु सेना स्टेशन की भागीदारी होगी।

1 अप्रैल 2024 से पोखरण स्थित फील्ड फायरिंग रेंज में इस युद्धाभ्यास का आयोजन किया जाएगा। 10 दिवसीय इस युद्धाभ्यास में वायु सेना के करीब 10 हजार वायु सैनिक भाग लेंगे। रक्षा मंत्रालय द्वारा जारी दिशानिर्देशों के अनुसार इसमें पश्चिमी और उत्तरी दोनों मोर्चों को शामिल किया जाएगा।

गगन शक्ति अभ्यास के बारे में

  • रक्षा प्रतिष्ठानों के अनुसार हर पांच साल में यह अभ्यास आयोजित किया जाता है। इस अभ्यास के दौरान देश के विभिन्न हिस्सों से उड़ान भरने वाले लड़ाकू विमान और हेलीकॉप्टर राजस्थान के पोखरण फील्ड फायरिंग रेंज में “छद्म लक्ष्यों पर हमला करेंगे”।
  • ‘गगन शक्ति 2024’ से पहले, भारतीय सेना “विभिन्न क्षेत्रों में तालमेल हासिल करने” की भावना के साथ एआईएफ को साजो-सामान संबंधी सहायता प्रदान करने के उद्देश्य से कार्य कर रही है।
  • सेना ने ऑपरेशनल रेल मोबिलाइजेशन को मान्यता प्रदान करने के लिए लगभग 10,000 आईएएफ कर्मियों की व्यापक अखिल भारतीय आवाजाही सुविधा प्रदान की है।
  • इसमें एक परिचालन योजना के अनुसार आने और वापसी की यात्रा के लिए पूरे भारत के विभिन्न समूहों से रेल परिवहन योजना तैयार करना शामिल था।
  • विभिन्न शहरों से सेना द्वारा विभिन्न यात्री ट्रेनों को समय-सारणीबद्ध और भोजन और बिस्तर सहित सभी सुविधाओं के साथ उपलब्ध कराया गया है।
  • अंतर-सेवा सौहार्द को दर्शाने के लिए इन यात्री ट्रेनों को ‘संयुक्त एक्सप्रेस’ ट्रेनों का नाम दिया गया है। रक्षा प्रतिष्ठान ने बताया कि अप्रैल में उनकी वापसी यात्रा की योजना बनाई गई है।
  • भारतीय सेना के मूवमेंट कंट्रोल ऑर्गनाइजेशन (एमसीओ) के माध्यम से संपर्क सुनिश्चित किया जा रहा है।
  • डिपो से अभ्यास क्षेत्रों तक गोला-बारूद की आपूर्ति के लिए दो गोला-बारूद गाड़ियाँ भी लगाई जा रही हैं।

‘गगन शक्ति’ का पिछला संस्करण 

  • ‘गगन शक्ति’ आखिरी बार 2018 में आयोजित किया गया था। इसमें भारतीय वायुसेना ने दो चरण के हवाई युद्धाभ्यास के दौरान 11,000 से अधिक उड़ानें भरीं थी। जिसमें सुरक्षा बल की तैनात संपत्तियों की एकाग्रता 48 घंटे से भी कम समय में पश्चिमी क्षेत्र से पूर्वी क्षेत्र तक पहुंचाई गई।
  • इस दौरान चीन और पाकिस्तान के साथ दो मोर्चों पर युद्ध के लिए भारतीय वायुसेना की तैयारी का परीक्षण किया गया।