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भारतीय वायुसेना ने 2 लाख करोड़ रुपये के राफेल जेट सौदे का प्रस्ताव रखा

भारत की रक्षा क्षमता में बड़ा उन्नयन होने जा रहा है क्योंकि भारतीय वायुसेना (IAF) ने 114 राफेल लड़ाकू विमानों की खरीद का प्रस्ताव रखा है। यह सौदा लगभग ₹2 लाख करोड़ का होगा और ‘मेक इन इंडिया’ योजना के तहत होगा। अगर इसे मंज़ूरी मिलती है, तो यह भारतीय इतिहास के सबसे बड़े रक्षा सौदों में से एक होगा, जिसका उद्देश्य वायुसेना की ताक़त बढ़ाने के साथ-साथ घरेलू रक्षा निर्माण को प्रोत्साहित करना है।

इस योजना के तहत 60% से अधिक पुर्ज़े भारत में तैयार किए जाएंगे, जिसमें दसॉल्ट एविएशन और भारतीय कंपनियाँ जैसे टाटा समूह साझेदार होंगी।

खरीद प्रक्रिया: कहाँ तक पहुँचा मामला

  • IAF ने पहले ही Statement of Case जमा कर दिया है।

  • यह अब रक्षा मंत्रालय के विभिन्न विभागों (जैसे डिफेंस फ़ाइनेंस) द्वारा समीक्षा में है।

  • आगे की प्रक्रिया:

    • मंत्रालय के भीतर आंतरिक समीक्षा

    • रक्षा सचिव की अध्यक्षता वाले Defence Procurement Board द्वारा जाँच

    • Defence Acquisition Council द्वारा अंतिम निर्णय

  • इन चरणों के बाद ही औपचारिक टेंडर और अनुबंध वार्ता शुरू होगी।

भारत का राफेल बेड़ा: विस्तार

  • वर्तमान में भारत के पास 36 राफेल विमान हैं (2016 के फ्रांस सौदे से)।

  • भारतीय नौसेना ने भी 26 राफेल मरीन जेट्स का ऑर्डर दिया है (विमानवाहक पोत संचालन के लिए)।

  • नए प्रस्ताव को मंज़ूरी मिलने पर भारत के पास कुल 176 राफेल विमान होंगे, जिससे भारत फ्रांस के बाहर राफेल का सबसे बड़ा ऑपरेटर बनेगा।

  • यह IAF की लंबी दूरी की सटीक हमले की क्षमता और बहु-भूमिका युद्धक क्षमता को मज़बूती देगा।

स्वदेशी निर्माण और औद्योगिक लाभ

  • विमान के 60% से अधिक हिस्से भारत में निर्मित या स्रोत किए जाएंगे

  • दसॉल्ट एविएशन हैदराबाद में M-88 इंजनों के लिए MRO (Maintenance, Repair, Overhaul) हब स्थापित करने का प्रस्ताव दे चुका है।

  • दसॉल्ट पहले से ही भारत में फ्रांसीसी मूल के विमानों के लिए सपोर्ट और सर्विसिंग इकाइयाँ चला रहा है।

  • टाटा समूह संभावित रूप से असेंबली और सब-सिस्टम निर्माण का नेतृत्व करेगा।

  • यह सौदा उच्च-कौशल वाली नौकरियों का सृजन करेगा, रक्षा अनुसंधान एवं विकास को बढ़ावा देगा और दीर्घकालिक एयरोस्पेस निर्माण क्षमता तैयार करेगा।

मुख्य बिंदु

  • प्रस्ताव: 114 ‘मेक इन इंडिया’ राफेल जेट्स

  • अनुमानित लागत: ₹2 लाख करोड़

  • IAF बेड़ा (मंज़ूरी के बाद): 176 राफेल (36 मौजूदा + 114 प्रस्तावित + 26 नौसेना)

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