पूर्वी लद्दाख में चीन की सीमा के पास न्योमा एयरबेस को 12 नवंबर 2025 को फिर से शुरू किया गया। भारतीय वायुसेना प्रमुख चीफ मार्शल एपी सिंह ने इसका उद्घाटन किया। उन्होंने गाजियाबाद के हिंडन एयरबेस से सी-130जे ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट उड़ाकर न्योमा एयरबेस में लैंडिंग की। वायुसेना प्रमुख एयर चीफ़ मार्शल एपी सिंह ने 13,700 फीट की ऊँचाई पर बने 2.7 किमी लंबे रनवे पर C-130J सुपर हरक्यूलिस विमान उतारकर इस ऐतिहासिक क्षण को चिह्नित किया—जो उच्च हिमालयी क्षेत्रों में भारत की बढ़ती वायु शक्ति और अत्याधुनिक अवसंरचना को दर्शाता है।
न्योमा एयरबेस का सामरिक महत्व
LAC से मात्र 23 किमी की दूरी पर स्थित यह एयरबेस चीन के साथ संवेदनशील सीमा क्षेत्र में भारत की क्षमताओं को कई मायनों में बढ़ाता है।
यह एयरबेस महत्वपूर्ण भूमिका निभाएगा—
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सीमा के पास लड़ाकू विमानों व परिवहन विमानों की तैनाती में
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फॉरवर्ड लोकेशन्स को हवाई लॉजिस्टिक सपोर्ट देने में
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निगरानी और त्वरित प्रतिक्रिया क्षमता बढ़ाने में
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लद्दाख के संवेदनशील क्षेत्रों में रीयल-टाइम मॉनिटरिंग व फोर्स प्रोजेक्शन में
एयरबेस की प्रमुख विशेषताएँ
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रनवे लंबाई: 2.7 किमी
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ऑपरेशनल क्षमता: फाइटर जेट, C-130J जैसे ट्रांसपोर्ट एयरक्राफ्ट, व हेलिकॉप्टरों का संचालन
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अवसंरचना: एटीसी (ATC), हैंगर, हार्ड स्टैंडिंग और अन्य तकनीकी सहायक सुविधाएँ
इन खूबियों के साथ न्योमा एयरबेस भारतीय वायुसेना के सबसे उन्नत उच्च-ऊंचाई वाले ठिकानों में शामिल हो गया है, जो तेज़ी से सैन्य जुटाव और ऑपरेशनल पहुँच बढ़ाने में गेम-चेंजर साबित होगा।
पृष्ठभूमि और परियोजना समयरेखा
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यह परियोजना 2020 के बाद भारत-चीन सैन्य तनाव के जवाब में शुरू किए गए सीमा अवसंरचना उन्नयन का हिस्सा है।
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सितंबर 2023 में रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने न्योमा एयरबेस के उन्नयन की आधारशिला रखी।
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निर्माण कार्य BRO (बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन) ने किया, जिसकी कमान महिला अधिकारियों ने संभाली—यह स्वयं में अभूतपूर्व उपलब्धि है।
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BRO प्रमुख ले. जनरल रघु श्रीनिवासन ने इसे लद्दाख सेक्टर की सबसे महत्वपूर्ण परियोजनाओं में से एक बताया।
भारत-चीन सीमा तनाव में भूमिका
2020 में शुरू हुए गतिरोध के बाद भारत ने त्वरित गति से सीमा अवसंरचना विकसित की ताकि—
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सैनिकों और संसाधनों की तेज़ आवाजाही सुनिश्चित हो
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उपकरणों की शीघ्र तैनाती हो
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सैन्य और नागरिक लॉजिस्टिक्स और मजबूत हो
2024 में गतिरोध समाप्त होने के बाद भारतीय सेना ने देमचोक औरDepsang क्षेत्रों में पुनः गश्त शुरू की। न्योमा एयरबेस अब इस रणनीतिक स्थिति को मजबूत बनाए रखने का मुख्य केंद्र बनेगा।
महिला-नेतृत्व वाली इंजीनियरिंग उत्कृष्टता
न्योमा एयरबेस का निर्माण BRO की महिला अधिकारियों द्वारा नेतृत्व में पूरा होना एक ऐतिहासिक उपलब्धि है। कठिनतम भूभाग और मौसम की परिस्थितियों में उनके नेतृत्व ने राष्ट्रीय रक्षा अवसंरचना में महिलाओं की बढ़ती भूमिका को रेखांकित किया है।
स्थिर तथ्य (Static Facts)
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एयरबेस नाम: मुढ़-न्योमा एयर फोर्स स्टेशन
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स्थान: पूर्वी लद्दाख, LAC से 23 किमी
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ऊँचाई: 13,700 फीट
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उद्घाटन तिथि: 12 नवंबर 2025
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उद्घाटनकर्ता: एयर चीफ़ मार्शल ए. पी. सिंह
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मुख्य विमान: C-130J, फाइटर जेट्स, हेलिकॉप्टर
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परियोजना लागत: ₹218 करोड़
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रनवे लंबाई: 2.7 किमी
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निर्माण एजेंसी: बॉर्डर रोड्स ऑर्गेनाइजेशन (BRO)


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