पहली बार, खगोलविदों (astronomers) ने बृहस्पति के चंद्रमा गैनिमीड (Ganymede) के वातावरण में जल वाष्प (water vapour) के प्रमाण का खुलासा किया है। यह जल वाष्प तब बनता है जब बर्फ चंद्रमा की सतह से ठोस से गैस में बदल जाती है। नेचर एस्ट्रोनॉमी (Nature Astronomy) जर्नल में प्रकाशित इस खोज को करने के लिए वैज्ञानिकों ने नासा (NASA’s) के हबल स्पेस टेलीस्कोप (Hubble Space Telescope) से नए और अभिलेखीय डेटासेट का इस्तेमाल किया।
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1998 में, हबल के स्पेस टेलीस्कोप इमेजिंग स्पेक्ट्रोग्राफ (Hubble’s Space Telescope Imaging Spectrograph) ने गैनीमेड (Ganymede) की पहली पराबैंगनी (ultraviolet – UV) छवियां लीं, जिसमें विद्युतीकृत गैस (electrified gas) के रंगीन रिबन दिखाई दिए, जिन्हें औरोरल बैंड (auroral bands) कहा जाता है, और आगे सबूत प्रदान करता है कि गैनीमेड में एक कमजोर चुंबकीय क्षेत्र है। इन यूवी (UV) अवलोकनों में समानता आणविक ऑक्सीजन (molecular oxygen – O2) की उपस्थिति से स्पष्ट की गई थी। लेकिन कुछ देखी गई विशेषताएं शुद्ध O2 वातावरण से अपेक्षित उत्सर्जन से मेल नहीं खातीं। साथ ही, वैज्ञानिकों ने निष्कर्ष निकाला कि यह विसंगति संभवतः परमाणु ऑक्सीजन (atomic oxygen – O) की उच्च सांद्रता से संबंधित थी।