7वें वेतन आयोग की स्वीकृत सिफारिशों को शामिल करते हुए, सरकार ने अधिकतम राशि बढ़ा दी है जिसके तहत एक केंद्रीय सरकारी कर्मचारी नए घर / फ्लैट के निर्माण / खरीद के लिए सरकार से 25 लाख रुपये तक उधार ले सकता है. इससे पहले यह सीमा केवल 7.50 लाख थी. इस कदम से पूरे देश में लगभग 50 लाख केंद्र सरकार कर्मचारियों को लाभ प्राप्त होगा.
7वीं वेतन आयोग की स्वीकृत सिफारिशों को शामिल करने वाले हाउस बिल्डिंग एडवांस (एचबीए) नियमों को संशोधित करने के बाद कर्मचारी 34 महीने का बेसिक वेतन कर्ज के तौर पर ले सकेंगे. आवास विस्तार के लिए अब 1.80 लाख रुपये के बजाय 10 लाख रुपये तक का कर्ज लिया जा सकेगा.
नए हाउस बिल्डिंग एडवांस (एचबीए) नियमों की महत्वपूर्ण विशेषताएं: –
- एक केन्द्रीय सरकारी कर्मचारी द्वारा उधार ली गई अग्रिम की कुल राशि को संशोधित कर बढ़ा दिया गया है.
- कर्मचारी आधारभूत वेतन के 34 महीनों का अधिकतम 25 लाख रुपये तक, या घर / फ्लैट की लागत, या चुकौती करने की क्षमता के अनुसार राशि, जो भी नए भवन / नए घरों की खरीद के लिए कम से कम है, उधार ले सकता है.
- घर की लागत सीमा जिस पर कर्मचारी गृह निर्माण / खरीद कर सकता है उसे योग्य मामलों में 25% से ऊपर संशोधन के प्रावधान के साथ 1.00 करोड़ रुपए संशोधित किया गया है. पहले की लागत सीमा 30 लाख रुपये थी.
- दोनों पति-पत्नी, यदि वे केंद्रीय सरकारी कर्मचारी हैं, तो अब एचबीए को संयुक्त रूप से या पृथक रूप से लेने के लिए पात्र हैं. इससे पहले पति-पत्नी में से केवल कोई एक ही हाउस बिल्डिंग एडवांस के लिए योग्य था.
- हाउस बिल्डिंग अग्रिम की सहायता से निर्मित/ ख़रीदे घर / फ्लैट का निजी बीमा कंपनियों से बीमा कराया जा सकता है, जो बीमा विनियामक विकास प्राधिकरण (आईआरडीए) द्वारा अनुमोदित है.
- एचबीए की वसूली की पद्धति मौजूदा मासिक वसूली की पद्धति के अनुसार 180 मासिक किस्तों में पहले पंद्रह वर्षों में मूलधन की वसूली और इसके बाद अगले 5 वर्षों में 60 मासिक किस्तों के अनुसार ज़ारी रहेगी.
स्रोत- द इकोनॉमिक टाइम्स