हिमाचल प्रदेश की सुखविंदर सिंह सुक्खू (Sukhvinder Singh Sukhu) सरकार ने कैबिनेट की पहली बैठक में सरकारी कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना (OPS) बहाल करने का फैसला लिया है। एक आधिकारिक बयान में कहा गया है कि सरकार के इस फैसले से करीब 1.36 लाख एनपीएस कर्मचारियों को फायदा होगा। मंत्रिमंडल ने एक लाख रोजगार के अवसर पैदा करने और 18 से 60 साल की आयु वर्ग की सभी महिलाओं को 1,500 रुपये देने के अपने चुनावी वादों को लागू करने के लिए रोडमैप को अंतिम रूप देने के लिए एक कैबिनेट उप-समिति का गठन करने का भी फैसला किया।
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प्रमुख बिंदु
- शिमला में आयोजित मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की अध्यक्षता में हुई राज्य मंत्रिमंडल की पहली बैठक में कांग्रेस की नीतियों और कार्यक्रमों में विश्वास जताने के लिए हिमाचल प्रदेश के लोगों को धन्यवाद देते हुए एक प्रस्ताव पारित किया गया।
- कांग्रेस सरकार ने सभी सरकारी कर्मचारियों को पुरानी पेंशन योजना (ओपीएस) मुहैया कराकर अपना अहम चुनावी वादा पूरा किया है।
- कैबिनेट ने राज्य में एक लाख रोजगार के अवसर सृजित करने के चुनाव के दौरान कांग्रेस द्वारा किए गए वादों को लागू करने के लिए रोडमैप को अंतिम रूप देने के लिए एक कैबिनेट सब कमेटी गठित करने का भी निर्णय लिया है।
- कैबिनेट ने 18 से 60 वर्ष की आयु वर्ग की महिलाओं को 1500 रुपये अनुदान देने के लिए चुनाव के दौरान कांग्रेस पार्टी द्वारा किए गए वादों को लागू करने के लिए रोडमैप को अंतिम रूप देने के लिए एक कैबिनेट सब कमेटी के गठन को भी मंजूरी दी है।
नई पेंशन स्कीम के प्रावधान
नई पेंशन स्कीम में कर्मचारी की बेसिक सैलरी और महंगाई भत्ते का 10 फीसदी हिस्सा कटता है। इसमें सरकार की ओर से 14 फीसदी की हिस्सेदारी दी जाती है। इस स्कीम के तहत सेवानिवृत्ति पर पेंशन पाने के लिए एनपीएस फंड का 40 फीसदी निवेश करना होता है। सेवानिवृत्ति के बाद निश्चित पेंशन की गारंटी नहीं होती। एनपीएस शेयर बाजार पर आधारित है। इसमें महंगाई भत्ते का प्रावधान शामिल नहीं है। सेवा के दौरान कर्मचारी की मृत्यु होने पर उनके परिजनों को कुल वेतन का 50 फीसदी पेंशन के तौर पर देने का प्रावधान है।