हिमाचल ने भूमि पंजीकरण के लिए ‘माई डीड एनजीडीआरएस’ पायलट प्रोजेक्ट शुरू किया

मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू के नेतृत्व में हिमाचल प्रदेश सरकार ने 11 जुलाई 2025 को राजस्व विभाग में व्यापक डिजिटल सुधारों की शुरुआत की। इस पहल की अगुवाई ‘माई डीड’ एनजीडीआरएस (नेशनल जेनरिक डॉक्यूमेंट रजिस्ट्रेशन सिस्टम) पायलट प्रोजेक्ट कर रहा है। इसका उद्देश्य भूमि पंजीकरण प्रक्रिया को आधुनिक बनाना, फिजिकल विजिट कम करना, सेवा वितरण में तेजी लाना और भूमि संबंधी कार्यों में पारदर्शिता बढ़ाना है। यह कदम राज्य की “पेपरलेस, प्रेजेंसलेस और कैशलेस” शासन प्रणाली की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयास है।

NGDRS: अब भूमि पंजीकरण कहीं से भी, कभी भी

‘माई डीड’ एनजीडीआरएस के तहत प्रदेश के नागरिक अब कहीं से भी, किसी भी समय ऑनलाइन भूमि पंजीकरण के लिए आवेदन कर सकते हैं। प्रक्रिया को इस तरह से सरल बनाया गया है कि नागरिकों को सिर्फ एक बार अंतिम औपचारिकताओं के लिए तहसील कार्यालय जाना होगा। इससे लोगों का समय और श्रम बचेगा तथा सरकारी सेवा वितरण की दक्षता बढ़ेगी।

यह पायलट प्रोजेक्ट राज्य के 10 जिलों की 10 तहसीलों में शुरू किया गया है:

  • बिलासपुर सदर (बिलासपुर)

  • डलहौज़ी (चंबा)

  • गलोड़ (हमीरपुर)

  • जयसिंहपुर (कांगड़ा)

  • भुंतर (कुल्लू)

  • पधर (मंडी)

  • कुमारसैन (शिमला)

  • राजगढ़ (सिरमौर)

  • कंडाघाट (सोलन)

  • बंगाणा (ऊना)

राजस्व विभाग में अन्य डिजिटल सुधार भी लागू

NGDRS के साथ-साथ, सरकार ने कई अन्य डिजिटल सुधार भी शुरू किए हैं:

  • नई जमाबंदी प्रारूप: अब भूमि रिकॉर्ड (जमाबंदी) सरल हिंदी में लिखा जाएगा। पुरानी स्क्रिप्ट्स जैसे उर्दू, अरबी और फारसी को हटाकर इसे आम लोगों के लिए सुलभ बनाया गया है।

  • ई-रोजनामचा वाक्याती: पटवारियों के दैनिक कार्यों की रिकॉर्डिंग के लिए डिजिटल डायरी प्रणाली।

  • कार्यगुजारी पोर्टल: सरकारी कर्मचारियों की उपस्थिति और कार्य रिपोर्टिंग के लिए ऑनलाइन मॉड्यूल, जिससे जवाबदेही बढ़ेगी।

इन उपायों का उद्देश्य पारदर्शिता बढ़ाना, रीयल-टाइम निगरानी सुनिश्चित करना और जनता को भूमि से जुड़ी जानकारी सुलभ कराना है।

आगामी कदम: डिजिटल हस्ताक्षरित रिकॉर्ड और ऑनलाइन म्यूटेशन

मुख्यमंत्री सुक्खू ने निर्देश दिए हैं कि:

  • डिजिटली साइन की गई जमाबंदी प्रणाली 10 दिनों में विकसित की जाए, जिससे लोग बिना पटवारी के पास गए ‘फर्द’ (भूमि रिकॉर्ड की प्रति) प्राप्त कर सकें।

  • ऑनलाइन रेवेन्यू कोर्ट मैनेजमेंट सिस्टम 15 दिनों में लॉन्च हो, जिससे लोग ऑनलाइन याचिका दायर कर सकें, समन प्राप्त करें और मामले की स्थिति ट्रैक कर सकें।

  • म्यूटेशन प्रक्रिया को जमाबंदी रिकॉर्ड से जोड़ते हुए पूरी तरह ऑनलाइन और सरल बनाया जाए।

‘खांगी तक़सीम’ और एकल स्वामित्व की दिशा में मिशन मोड

मुख्यमंत्री ने सभी उपायुक्तों को संयुक्त खातेदारी वाले मामलों में ‘खांगी तक़सीम’ को मिशन मोड में लागू करने का सुझाव दिया। उद्देश्य यह है कि “सिंगल खाता, सिंगल ओनर” की ओर बढ़ा जाए, जिससे स्वामित्व रिकॉर्ड में सरलता आए और भूमि विवादों में कमी हो।

यह पहल हिमाचल प्रदेश को डिजिटल और पारदर्शी भूमि प्रशासन के क्षेत्र में देश के अग्रणी राज्यों में शामिल करने की दिशा में एक निर्णायक कदम है।

[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]
vikash

Recent Posts

प्रधानमंत्री ने WHO ग्लोबल समिट में अश्वगंधा पर स्मारक डाक टिकट जारी किया

नई दिल्ली में आयोजित द्वितीय WHO वैश्विक पारंपरिक चिकित्सा शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र…

13 hours ago

भारत और नीदरलैंड ने संयुक्त व्यापार और निवेश समिति (JTIC) का गठन किया

भारत और नीदरलैंड्स ने अपने आर्थिक साझेदारी संबंधों को मजबूत करने की दिशा में एक…

15 hours ago

जम्मू-कश्मीर को अपना पहला Gen Z पोस्ट ऑफिस मिला

जम्मू-कश्मीर ने सार्वजनिक सेवाओं के आधुनिकीकरण की दिशा में एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है।…

15 hours ago

ISRO ने RESPOND बास्केट 2025 लॉन्च किया

भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने RESPOND Basket 2025 जारी किया है, जिसके तहत देशभर…

16 hours ago

PM मोदी ने किया गुवाहाटी एयरपोर्ट के नए टर्मिनल भवन का उद्घाटन

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 20 दिसंबर 2025 को असम में लोकप्रिय गोपीनाथ बोरदोलोई अंतरराष्ट्रीय हवाई…

17 hours ago

मिची बेंटहॉस अंतरिक्ष में जाने वाली पहली व्हीलचेयर यूज़र बनकर इतिहास रचेंगी

जर्मन एयरोस्पेस इंजीनियर मिची बेंटहॉस अंतरिक्ष यात्रा करने वाली पहली व्हीलचेयर उपयोगकर्ता व्यक्ति बनने जा…

19 hours ago