मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने गुवाहाटी के पास सोनापुर में भारत के पहले एक्वा टेक पार्क का उद्घाटन किया। यह पार्क मछलीपालकों को एक्वापोनिक्स, बायोफ्लॉक और सजावटी मछली पालन जैसी आधुनिक तकनीकों की जानकारी देगा। इस पहल का उद्देश्य राज्य में मछली उत्पादन को बढ़ाना और किसानों की आय में इज़ाफा करना है।
मछलीपालन में आधुनिक कदम
यह पार्क NGO कोलोंग कोपिली द्वारा NABARD, ICAR-CIFA, सेल्को फाउंडेशन और मत्स्य विभाग के सहयोग से स्थापित किया गया है। पार्क में ऐसे तकनीकी तरीके दिखाए गए हैं जिनसे कम पानी में तेजी से और स्वस्थ तरीके से मछली का उत्पादन संभव हो सके। इसमें एक्वापोनिक्स शामिल है, जिसमें मछली और पौधों को एक साथ पाला जाता है, और बायोफ्लॉक प्रणाली, जो मछलियों की सेहत और वृद्धि में मदद करती है।
उद्घाटन कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सरमा ने कहा कि असम में अनेक नदियाँ होने के बावजूद राज्य को अपनी मछली की जरूरतों के लिए अभी भी आंध्र प्रदेश जैसे राज्यों पर निर्भर रहना पड़ता है। यह पार्क इस स्थिति को बदलने में मदद करेगा।
किसानों और युवाओं के लिए वरदान
इस परियोजना के पीछे काम कर रही NGO कोलोंग कोपिली पिछले 17 वर्षों से किसानों और युवाओं को मछलीपालन का प्रशिक्षण दे रही है। नया एक्वा टेक पार्क मछलीपालकों के लिए एक बड़ा सहारा बनेगा और आय व रोजगार के नए अवसर पैदा करेगा।
साथ ही, 2019 से 2024 के बीच असम ने अपना मछली उत्पादन दोगुना कर 4.99 लाख मीट्रिक टन तक पहुंचा दिया है, जिससे वह देश का चौथा सबसे बड़ा मछली उत्पादक राज्य बन गया है।
सरकारी सहयोग और भविष्य की योजनाएं
राज्य सरकार पारंपरिक खेती को आधुनिक तकनीकों से जोड़ने की दिशा में काम कर रही है। चालू वित्तीय वर्ष में राज्य ने ₹8 करोड़ की लागत से 10 मत्स्य क्लस्टर विकास परियोजनाएं शुरू की हैं।
इसके अलावा सरकार युवाओं को मछलीपालन में भाग लेने के लिए प्रोत्साहित कर रही है, ताकि ग्रामीण अर्थव्यवस्था को मजबूती दी जा सके। पार्क में युवाओं को बाजार से जुड़ाव, सजावटी मछली पालन, और ग्राहकों तक सीधे उत्पाद बेचने का प्रशिक्षण भी दिया जाएगा।


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