हरियाणा सरकार ने मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार और सतत कृषि पद्धतियों को सुनिश्चित करने के लिए ‘हर खेत-स्वस्थ खेत’ अभियान शुरू किया है। इस पहल के तहत, राज्य में हर एकड़ कृषि भूमि से अगले तीन से चार वर्षों में मिट्टी के नमूने एकत्र किए जाएंगे और सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड (Soil Health Card) प्रदान किए जाएंगे। इस अभियान का उद्देश्य किसानों को मिट्टी की उर्वरता, पोषक तत्व प्रबंधन और फसल उत्पादकता के बारे में सूचित निर्णय लेने में सहायता करना है।
| सारांश/स्थिर जानकारी | विवरण |
| क्यों चर्चा में है? | हरियाणा ने ‘हर खेत-स्वस्थ खेत’ अभियान शुरू किया ताकि मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार किया जा सके। |
| अभियान का नाम | ‘हर खेत-स्वस्थ खेत’ |
| उद्देश्य | मिट्टी के स्वास्थ्य में सुधार करना और सभी किसानों को मृदा स्वास्थ्य कार्ड प्रदान करना। |
| अवधि | राज्यव्यापी कार्यान्वयन के लिए 3-4 वर्ष। |
| मिट्टी के नमूने एकत्र किए गए | 70 लाख |
| मिट्टी के नमूने विश्लेषण किए गए | 55 लाख |
| मृदा स्वास्थ्य कार्ड वितरित | 86 लाख से अधिक |
| नए मिट्टी और जल परीक्षण प्रयोगशालाएँ | 17 स्थायी प्रयोगशालाएँ, 54 लघु प्रयोगशालाएँ मंडियों में |
| विद्यालयों और महाविद्यालयों में प्रयोगशालाएँ | 240 लघु मिट्टी परीक्षण प्रयोगशालाएँ, जहाँ छात्र नमूने एकत्र कर परीक्षण करते हैं। |
| डिजिटल पहल | 2022 में ‘हर खेत-स्वस्थ खेत’ पोर्टल लॉन्च किया गया। |
| प्राप्त पुरस्कार | 2022 में स्कॉच गोल्ड मेडल (मृदा स्वास्थ्य कार्ड परियोजना के लिए)। |
| कीटनाशक अवशेष निगरानी | सिरसा और करनाल में प्रयोगशालाएँ स्थापित, 2023-24 में 3,640 नमूनों का विश्लेषण। |
| सरकार का लक्ष्य | किसानों को सतत मिट्टी और फसल प्रबंधन पर मार्गदर्शन देना। |
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