हरियाणा के कृषि मंत्री, जय प्रकाश दलाल ने ‘चारा – बिजाई योजना (Chaara – Bijaee Yojana)’ शुरू की है। यह योजना गौशालाओं (Cowsheds) को चारा देने और आपूर्ति करने वाले किसानों को 10,000 रुपये प्रति एकड़ (10 एकड़ तक) की वित्तीय सहायता प्रदान करने के लिए शुरू की गई है। इस योजना के पीछे तर्क राज्य के चारे की कमी और बढ़ते आवारा मवेशियों को कवर करना है। प्रत्यक्ष लाभ हस्तांतरण (Direct Benefit Transfer – DBT) के तहत सब्सिडी सीधे किसान के खाते में जमा की जाएगी।
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योजना के तहत (Under the scheme):
- राज्य में गौशालाओं की संख्या साल 2017 में 175 से बढ़कर साल 2022 में 600 हो गई। आवारा पशुओं की आबादी में वृद्धि के कारण अधिकांश गौशालाओं में भीड़भाड़ रहती है।
- साथ ही, गाय के गोबर से तैयार फॉस्फेट-समृद्ध जैविक खाद (Phosphate-Rich Organic Manure – PROM) को सिंथेटिक उर्वरकों के विकल्प के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। PROM हरियाणा के पिंजौर, हिसार और भिवानी जिलों की विभिन्न गौशालाओं से भी तैयार किया जाता है।
- राज्य सरकार किसानों के हित में कई क़दम उठा रही है और ‘चारा-बीजाई योजना’ उसी दिशा में एक और कदम है। अप्रैल में राज्य की 569 गौशालाओं में चारा ख़रीदने के लिए 13.44 करोड़ रुपये का वितरण किया गया था।
सभी प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण टेकअवे:
- हरियाणा राज्यपाल: बंडारू दत्तात्रेय;
- हरियाणा राजधानी: चंडीगढ़;
- हरियाणा के मुख्यमंत्री: मनोहर लाल खट्टर।