हिंदुस्तान एयरोनॉटिक्स लिमिटेड (HAL) ने इसरो (ISRO) से स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV) के निर्माण और व्यवसायीकरण (commercialisation) के लिए ₹511 करोड़ का टेक्नोलॉजी ट्रांसफर (ToT) समझौता हासिल किया है। इस घोषणा को IN-SPACe (भारतीय राष्ट्रीय अंतरिक्ष संवर्धन और प्राधिकरण केंद्र) ने सफल निविदा प्रक्रिया के बाद सार्वजनिक किया। यह भारत के अंतरिक्ष क्षेत्र में वाणिज्यिक विस्तार की दिशा में एक बड़ा कदम है।
पृष्ठभूमि और उद्देश्य:
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SSLV एक तीन-चरणों वाला प्रक्षेपण यान है, जिसे 500 किलोग्राम तक के उपग्रहों को लो अर्थ ऑर्बिट (LEO) में भेजने के लिए डिज़ाइन किया गया है।
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इसका उद्देश्य निजी क्षेत्र की भागीदारी को सक्षम बनाना और भारत में एक मज़बूत वाणिज्यिक प्रक्षेपण तंत्र तैयार करना है।
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ISRO अब अनुसंधान एवं विकास (R&D) पर अधिक ध्यान देगा, जबकि नियमित प्रक्षेपण यानों का निर्माण और संचालन उद्योग के हवाले किया जा रहा है।
सौदे के प्रमुख विवरण:
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एजेंसियां शामिल: HAL, ISRO, IN-SPACe, न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL)
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सौदे का मूल्य: ₹511 करोड़
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वाहन: स्मॉल सैटेलाइट लॉन्च व्हीकल (SSLV)
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प्रशिक्षण अवधि: 2 वर्ष, ISRO द्वारा पूर्ण तकनीकी मार्गदर्शन
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उत्पादन लक्ष्य: भविष्य में प्रति वर्ष 6–12 SSLV का निर्माण
निविदा और मूल्यांकन प्रक्रिया:
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कई चरणों में तकनीकी और वित्तीय क्षमताओं का मूल्यांकन किया गया।
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तीन शॉर्टलिस्ट प्रतिभागी:
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HAL (स्वतंत्र बोलीदाता)
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अल्फा डिज़ाइन टेक्नोलॉजीज + अग्निकुल + वालचंद
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भारत डायनामिक्स + स्काईरूट + केल्ट्रॉन + BHEL
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HAL ने सबसे उच्च वित्तीय बोली लगाकर सौदा हासिल किया।
भविष्य की रूपरेखा:
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HAL शुरुआत में ISRO की निगरानी में दो SSLV बनाएगा, इसके बाद वह स्वतंत्र रूप से निर्माण और प्रक्षेपण कर सकेगा।
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समझौते में ISRO और HAL दोनों के केंद्रों पर गहन तकनीकी प्रशिक्षण शामिल है।
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प्रक्षेपण संबंधी उत्तरदायित्व (liability) अंतरराष्ट्रीय मानकों और सरकारी नीति के अनुसार निर्धारित किया जाएगा।
प्रमुख वक्तव्य:
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पवन गोयनका (अध्यक्ष, IN-SPACe): “HAL दो वर्षों में पूरी तकनीक प्राप्त कर लेगा और उसके बाद संचालन का पूरा नियंत्रण ले लेगा।”
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राजीव ज्योति (निदेशक, IN-SPACe): “SSLV प्रणाली बहुविषयी (multidisciplinary) होने के कारण प्रशिक्षण अत्यंत आवश्यक है।”
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बरन्य सेनापति (HAL निदेशक – वित्त): “HAL उत्पादन को चरणबद्ध रूप से बढ़ाने की दिशा में अग्रसर है।”


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