18 जनवरी 2025 को, भारत सरकार ने असम-मेघालय कैडर के 1991 बैच के भारतीय पुलिस सेवा (IPS) अधिकारी ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह को केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (CRPF) का महानिदेशक (DG) नियुक्त किया। सिंह, जो असम के पुलिस महानिदेशक (DGP) के रूप में कार्यरत थे, तुरंत अपनी नई जिम्मेदारी संभालेंगे। उनका कार्यकाल उनकी सेवानिवृत्ति तक, जो 30 नवंबर 2027 को है, या अगले आदेश तक रहेगा।
पेशेवर पृष्ठभूमि
सिंह का कानून प्रवर्तन में एक शानदार करियर रहा है, जिसमें उन्होंने विभिन्न पदों पर सेवाएं दी हैं:
- विशेष सुरक्षा समूह (SPG): उन्होंने SPG में काम किया है, जो भारत के प्रधानमंत्री की निकट सुरक्षा सुनिश्चित करता है।
- राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA): 2013 से सिंह NIA में केंद्रीय प्रतिनियुक्ति पर रहे, जहां उन्होंने महानिरीक्षक (IG) के रूप में कार्य किया। राष्ट्रीय सुरक्षा मामलों में उनकी विशेषज्ञता को देखते हुए, उनका कार्यकाल वहां बढ़ाया गया था।
- असम पुलिस: दिसंबर 2019 में उन्हें नागरिकता संशोधन अधिनियम के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को संभालने के लिए असम में अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून और व्यवस्था) के रूप में बुलाया गया। इसके बाद, उन्होंने विशेष DGP (कानून और व्यवस्था) और सतर्कता एवं भ्रष्टाचार निरोधक निदेशक के रूप में भी कार्य किया।
CRPF की भूमिका
CRPF भारत का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल है, जिसमें लगभग 3 लाख कर्मी हैं। यह विभिन्न महत्वपूर्ण जिम्मेदारियां निभाता है:
- आतंकवाद विरोधी अभियानों में: जम्मू-कश्मीर में आतंकवाद रोधी अभियानों में शामिल।
- विद्रोह रोधी अभियानों में: पूर्वोत्तर राज्यों में विद्रोहियों के खिलाफ कार्यवाही।
- माओवादी विरोधी अभियानों में: विभिन्न राज्यों में वामपंथी उग्रवाद का मुकाबला।
भविष्य की चुनौतियां
सिंह के नेतृत्व में, CRPF सरकार के 2026 तक छत्तीसगढ़ में वामपंथी उग्रवाद को समाप्त करने के प्रयासों में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने की उम्मीद है। वर्तमान में राज्य में 40,000 से अधिक CRPF कर्मी तैनात हैं।
मुख्य बिंदु | विवरण |
समाचार में क्यों | ज्ञानेंद्र प्रताप सिंह, 1991 बैच के आईपीएस अधिकारी (असम-मेघालय कैडर), को CRPF के महानिदेशक (DG) के रूप में नियुक्त किया गया। वे कुलदीप सिंह का स्थान लेंगे। उनका कार्यकाल 30 नवंबर 2027 तक रहेगा। उन्होंने पहले असम के पुलिस महानिदेशक (DGP) के रूप में सेवा दी। |
CRPF का परिचय | CRPF भारत का सबसे बड़ा अर्धसैनिक बल है, जिसमें लगभग 3 लाख कर्मी हैं। इसकी मुख्य जिम्मेदारियों में आतंकवाद विरोधी, विद्रोह विरोधी, और माओवादी विरोधी अभियान शामिल हैं। |
कार्यकाल विवरण | सिंह का कार्यकाल 30 नवंबर 2027 तक या अगले आदेश तक रहेगा। |
पिछले पद | – राष्ट्रीय जांच एजेंसी (NIA) में महानिरीक्षक (IG) के रूप में कार्य। |