यूनेस्को द्वारा मध्य प्रदेश के ऐतिहासिक किले शहरों ग्वालियर और ओरछा को अपने विश्व धरोहर शहर कार्यक्रम के अंतर्गत यूनेस्को विश्व विरासत शहरों की सूची में शामिल किया गया है। इस योजना के तहत, यूनेस्को ऐतिहासिक विकास लैंडस्केप सिफारिशों के आधार पर इन स्थानों के विकास और सौंदर्यीकरण के लिए सर्वोत्तम प्रयास और संसाधन जुटाएगा। इसे शामिल करने के बाद भारत में यूनेस्को विश्व विरासत शहरों की कुल संख्या बढ़कर 40 हो जाएगी।
- इन्हें शामिल करने के बाद यूनेस्को के सहयोग से मप्र पर्यटन विभाग द्वारा दोनों शहरों के सौंदर्यीकरण को बढ़ावा मिलेगा।
- इस संबंध में, यूनेस्को की टीम 2021 में राज्य का दौरा करेगी और ऐतिहासिक शहरी लैंडस्केप सिफारिश के तहत उनके विकास और संरक्षण के लिए एक मास्टर प्लान तैयार करेगी।
- मानसिंह पैलेस, गुजरी महल और सहस्त्रबाहु मंदिर जैसे ऐतिहासिक स्थलों का रासायनिक निदान भी किया जाएगा, ताकि उन पर अंकित कला अधिक दर्शनीय बन सके।
- भारतीय परंपराओं के अनुसार पर्यटकों के स्वागत के लिए दोनों स्थानों पर गार्ड भी तैनात किए जाएंगे
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ग्वालियर के बारे में:
- ग्वालियर की स्थापना 9वीं शताब्दी में हुई थी और इस पर गुर्जर प्रतिहार राजवंश, तोमर, बघेल कछवाहो और सिंधिया का शासन रहा। यह बलुआ पत्थर के पठार पर स्थित है और इसमें स्मारक, किले और महल हैं
- इसके प्रसिद्ध स्थानों में सूर्य मंदिर, जल विलास पैलेस, तानसेन का स्मारक, तिघरा डैम, 15 वीं सदी के गुजारी महल पैलेस शामिल हैं।
ओरछा के बारे में:
- ओरछा का अर्थ है ‘छिपे हुए महल’ है, जैसा कि इसके नाम से पता चलता है कि यह अपने मंदिरों और महलों के लिए लोकप्रिय है और यह 16 वीं शताब्दी में बुंदेला साम्राज्य की राजधानी थी।
- इस शहर के प्रसिद्ध स्थान राज महल, जहांगीर महल, रामराजा मंदिर, राय प्रवीण महल और लक्ष्मीनारायण मंदिर हैं।
उपरोक्त समाचारों से आने-वाली परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-
- यूनेस्को विश्व विरासत केंद्र के निदेशक: मैक्चाइल्ड रॉसलर
- यूनेस्को विश्व विरासत केंद्र मुख्यालय: पेरिस, फ्रांस