Home   »   गुजराती नव वर्ष 2022: महत्व, तिथि...

गुजराती नव वर्ष 2022: महत्व, तिथि और पूजा विधि

गुजराती नव वर्ष 2022: महत्व, तिथि और पूजा विधि |_30.1

गुजराती नव वर्ष, जिसे बेस्तु वरस (Bestu Varas) के नाम से भी जाना जाता है, हिंदू कैलेंडर के कार्तिक महीने की शुरुआत का प्रतीक है। इस दिन गुजराती लोग मंदिरों में देवी-देवताओं की पूजा करते हैं और नए वस्त्र धारण कर अपने रिश्तेदारों और करीबियों को गले लगकर उन्हें नए साल की शुभकामनाएं देते हैं।

Bank Maha Pack includes Live Batches, Test Series, Video Lectures & eBooks

बेस्तु वरस यानी गुजरात नव वर्ष इस साल दो तारीखों 26 और 27 अक्टूबर को पड़ रहा है। बुधवार शाम 6.48 बजे से गुजरात नव वर्ष की शुरुआत हो जाएगी और इसका मुहूर्त गुरुवार शाम 5.12 बजे तक चलेगा।

 

गुजराती संस्कृति में नया खाता खोलना और पुराने को बंद करना चोपड़ा कहलाता है। चोपड़ा पूजा में देवी लक्ष्मी की पूजा की जाती है ताकि आने वाला वर्ष और अधिक समृद्ध और फलदायी हो। इसके अलावा चोपड़ा पूजा में देवी सरस्वती की भी पूजा की जाती है। इस दिन लोग अपनी बहीखातों पर शुभ और लाभ लिखते हैं ताकि उनका हर कार्य शुभ होता रहे और उन्हें हर काम में लाभ होता रहे। खाते की किताब पर एक स्वास्तिक भी बनाया जाता है। व्यापारियों के लिए यह दिन विशेष रूप से महत्व रखता है क्योंकि यह दिन उनके लिए वित्तीय वर्ष की शुरुआत के रूप में जाना जाता है और इसलिए वे इस शुभ दिन पर नए खाते खोलते हैं।

Find More State In News Here

गुजराती नव वर्ष 2022: महत्व, तिथि और पूजा विधि |_40.1

Leave a comment

Your email address will not be published. Required fields are marked *