गुजरात सरकार ने हाल ही में एक महत्वपूर्ण कदम उठाते हुए राज्य के लिए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मसौदा तैयार करने के लिए एक पैनल नियुक्त किया है। इस पैनल की अध्यक्षता सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश रंजन गोगोई द्वारा की जा रही है और इसे 45 दिनों के भीतर यूसीसी के संभावित कार्यान्वयन पर एक विस्तृत रिपोर्ट तैयार करनी है। इस समिति का गठन सरकार के सभी नागरिकों को समान अधिकार सुनिश्चित करने के उद्देश्य से किया गया एक बड़ा कदम माना जा रहा है, जो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संपूर्ण भारत में समान कानून लागू करने के दृष्टिकोण के अनुरूप है।
मुख्य बिंदु
पैनल का गठन
- गुजरात के मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने 4 फरवरी 2025 को पांच सदस्यीय पैनल के गठन की घोषणा की, जो राज्य के लिए समान नागरिक संहिता (यूसीसी) का मसौदा तैयार करेगा।
पैनल की संरचना
- पैनल की अध्यक्षता सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश रंजना देसाई करेंगी।
- अन्य सदस्य: सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी सीएल मीणा, अधिवक्ता आरसी कोडेकर, शिक्षाविद् दाक्षेश ठाकर, और समाजसेवी गीता श्रॉफ।
रिपोर्ट प्रस्तुत करने की समय-सीमा
- समिति को 45 दिनों के भीतर अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करनी होगी, जिसमें यूसीसी के कार्यान्वयन की रूपरेखा होगी।
गुजरात के मुख्यमंत्री का बयान
- भूपेंद्र पटेल ने संविधान को “पवित्र ग्रंथ” बताते हुए “भारतीयता” को इस निर्णय का मार्गदर्शक सिद्धांत बताया।
- उन्होंने कहा कि यह कदम सभी नागरिकों को समान अधिकार और अवसर सुनिश्चित करने में सहायक होगा।
प्रसंग और पृष्ठभूमि
- यह निर्णय उत्तराखंड सरकार द्वारा जनवरी 2025 में लाइव-इन रिलेशनशिप को विनियमित करने के लिए यूसीसी नियमों की शुरुआत के बाद आया है।
- गुजरात सरकार का यह कदम एक समान कानून लागू करने की व्यापक पहल का हिस्सा माना जा रहा है, जिससे सभी नागरिकों पर समान रूप से लागू होने वाले कानून सुनिश्चित किए जा सकें, चाहे उनका धर्म, समुदाय या आस्था कुछ भी हो।
आगे की प्रक्रिया
- रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद राज्य सरकार यूसीसी के मसौदे की समीक्षा करेगी और इसके कार्यान्वयन पर निर्णय लेगी।
भारत में समान नागरिक संहिता (UCC)
- यूसीसी का उद्देश्य विवाह, विरासत, तलाक और गोद लेने से संबंधित कानूनों को मानकीकृत करना है, जो धर्म-आधारित व्यक्तिगत कानूनों से अलग होगा।
- यह लंबे समय से बहस का विषय रहा है, जिसके समर्थकों का मानना है कि यह लैंगिक समानता और सामाजिक न्याय को बढ़ावा देगा।
- उत्तराखंड में यूसीसी की शुरुआत: हाल ही में उत्तराखंड ने लाइव-इन रिलेशनशिप के लिए यूसीसी नियमों को लागू किया, जिससे भारत में समान नागरिक संहिता लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ा है।
गुजरात का यह निर्णय भविष्य में यूसीसी को राष्ट्रीय स्तर पर लागू करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण संकेत माना जा रहा है।
क्यों चर्चा में है? | गुजरात सरकार ने समान नागरिक संहिता (UCC) के मसौदे के लिए पैनल नियुक्त किया |
पैनल का गठन | गुजरात सरकार द्वारा पांच सदस्यीय पैनल का गठन |
अध्यक्ष | सेवानिवृत्त सुप्रीम कोर्ट न्यायाधीश रंजना देसाई |
अन्य सदस्य | सीएल मीणा (सेवानिवृत्त आईएएस अधिकारी), आरसी कोडेकर (अधिवक्ता), दाक्षेश ठाकर (शिक्षाविद्), गीता श्रॉफ (समाजसेवी) |
पैनल का उद्देश्य | UCC की आवश्यकता का मूल्यांकन करना और गुजरात में इसके कार्यान्वयन के लिए विधेयक का मसौदा तैयार करना |
समय-सीमा | रिपोर्ट 45 दिनों के भीतर प्रस्तुत की जाएगी |
गुजरात के मुख्यमंत्री का बयान | मुख्यमंत्री भूपेंद्र पटेल ने UCC को समान अधिकारों और “भारतीयता” की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम बताया |
प्रसंग | गुजरात का यह कदम उत्तराखंड द्वारा लाइव-इन रिलेशनशिप के लिए UCC नियमों की शुरुआत के बाद आया है |
आगे की प्रक्रिया | रिपोर्ट प्रस्तुत होने के बाद गुजरात सरकार UCC को लागू करने पर निर्णय लेगी |
UCC का संभावित प्रभाव | विवाह, उत्तराधिकार, तलाक और गोद लेने से संबंधित कानूनों का मानकीकरण |
भारत में UCC | सभी नागरिकों के लिए लैंगिक समानता और समान अधिकारों को बढ़ावा देने का उद्देश्य |