केंद्रीय वित्त मंत्री श्रीमती निर्मला सीतारमण ने 24 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय अधिकरण (GSTAT) का औपचारिक शुभारंभ किया। यह कदम भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली में संरचनात्मक सुधार का प्रतीक है और करदाताओं को एक समान, पारदर्शी एवं प्रभावी अपीलीय तंत्र उपलब्ध कराता है।
समयबद्ध एवं न्यायसंगत विवाद निपटारा
कर कानूनों की समान व्याख्या सुनिश्चित करना
करदाताओं के विश्वास और व्यावसायिक माहौल को मज़बूत करना
मुकदमेबाजी में कमी और Ease of Doing Business को बढ़ावा देना
“नागरिक देवो भवः” की भावना के अनुरूप, सरलता, डिजिटलीकरण और नागरिक-प्रथम सेवा पर बल
प्रधान पीठ (Principal Bench): नई दिल्ली
राज्य पीठें (State Benches): 31 पीठें, 45 स्थानों पर
प्रत्येक पीठ की संरचना:
2 न्यायिक सदस्य (Judicial Members)
1 तकनीकी सदस्य (केंद्र)
1 तकनीकी सदस्य (राज्य)
यह ढाँचा सहकारी संघवाद की भावना को दर्शाता है और कानूनी एवं तकनीकी विशेषज्ञता के संतुलन से निर्णय प्रक्रिया को सुदृढ़ करता है।
विकसित: GSTN और NIC द्वारा
मुख्य विशेषताएँ:
अपीलों का e-Filing
डिजिटल सुनवाई (Digital Hearings)
ऑनलाइन केस ट्रैकिंग
केस प्रबंधन उपकरण (Case Management Tools)
उपयोगकर्ता सहायता: FAQs, गाइड और वीडियो
करदाता 30 जून 2026 तक अपील दाख़िल कर सकेंगे, जिससे MSMEs और व्यक्तिगत करदाताओं को पर्याप्त तैयारी समय मिलेगा।
राज्यों में कर निर्णयों की समानता
अपीलों का त्वरित निपटारा
व्यवसायों के लिए कानूनी अनिश्चितता में कमी
MSMEs, निर्यातकों और स्टार्टअप्स के लिए सहूलियत
मेक इन इंडिया और Ease of Doing Business को मज़बूती
इससे भारत की अप्रत्यक्ष कर प्रणाली अधिक न्यायपूर्ण, सुलभ और तकनीकी रूप से उन्नत बनेगी।
नाम: वस्तु एवं सेवा कर अपीलीय अधिकरण (GSTAT)
शुभारंभ तिथि: 24 सितंबर 2025
शुभारंभकर्ता: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण
संरचना: 1 प्रधान पीठ (दिल्ली), 31 राज्य पीठें
प्रमुख सुविधा: GSTAT e-Courts Portal (efiling.gstat.gov.in)
उद्देश्य: GST विवादों के लिए एक समान और स्वतंत्र अपीलीय मंच
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