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यूपी सरकार ने गिरते भूजल स्तर को सुधारने के लिए भूजल अधिनियम-2020 को दी मंजूरी

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उत्तर प्रदेश सरकार ने भूजल अधिनियम-2020 को अपनी स्वीकृति दे दी है। भूजल अधिनियम -2020 को मंजूरी राज्य में गिरते भूजल स्तर को सुधारने के उद्देश्य से दी गई है। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता वाले मंत्रिमंडल ने राज्य में भूजल अधिनियम -2020 को मंजूरी प्रदान की।

भूजल अधिनियम -2020 की कुछ प्रमुख विशेषताएं:

भूजल अधिनियम -2020 लागू होने के बाद:-
  • पंजीकरण कराने के लिए ऑनलाइन पंजीकरण की सुविधा दी जाएगी।
  • सबमर्सिबल पंप लगाने से पहले पंजीकरण करना अनिवार्य होगा।
  • घरेलू उपयोगकर्ताओं और किसानों से कोई शुल्क नहीं लिया जाएगा।
  • सभी निजी, सरकारी स्कूलों और कॉलेजों के लिए वर्षा जल संचयन प्रणाली स्थापित करना अनिवार्य हो जाएगा।
  • बोरिंग कंपनियों के लिए पंजीकरण के साथ हर तीन महीने में नई जानकारी देना अनिवार्य हो जाएगा।
नियमों का उल्लंघन करने वालों के लिए सजा और जुर्माना:
  • यदि कोई व्यक्ति पहली बार भूजल स्तर को प्रदूषित करते हुए पकड़ा जाता है, तो उसे 6 महीने से 1 साल तक की सजा के साथ 2 लाख से 5 लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा।
  • यदि कोई व्यक्ति दूसरी बार पकड़ा जाता है, तो उसे 2 से लेकर 5 साल तक की सजा के साथ 5 लाख से 10 लाख रुपये तक का जुर्माना देना होगा।
  • यदि कोई व्यक्ति तीसरी बार पकड़ा जाता है तो उस व्यक्ति को 5 साल से 7 साल तक की सजा के साथ 10 लाख से 20 लाख रुपये तक के जुर्माना देना होगा।

उपरोक्त समाचार से सभी परीक्षाओं के लिए महत्वपूर्ण तथ्य-

  • आनंदीबेन पटेल उत्तर प्रदेश की वर्तमान राज्यपाल हैं।