अफगानिस्तान स्थित खामा प्रेस के अनुसार ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स (GTI) ने 14 मार्च 2023 को बताया कि अफगानिस्तान में हमलों में 75 फीसदी और मौतों में 58 फीसदी की गिरावट दर्ज की गई। इसके बावजूद देश लगातार चौथे साल आतंकवाद से सबसे अधिक प्रभावित देशों की लिस्ट में टॉप पर बना हुआ है। जीटीआई रिपोर्ट में कहा गया है कि इंडेक्स में स्टेट की ओर से किए गए दमन और नेताओं की तरफ से हिंसा के कृत्यों को शामिल नहीं किया गया है।
FTI के अनुसार 2022 में अफगानिस्तान में 633 मौतें दर्ज की गईं, जो 2022 में आतंकवाद से संबंधित मौतों में 866 कम है। वहीं साल 2021 के मुकाबले 58 फीसदी का सुधार हुआ। अफगानिस्तान में तालिबान ने साल 2021 अगस्त में कब्जा कर लिया था. इस वजह से भी मौत के मामले में गिरावट दर्ज कि गयी है। चूंकि तालिबान अब अधिकांश मामलों में एक नेता के तौर पर काम करता है। वहीं रिपोर्ट के अनुसार अफगानिस्तान में तालिबान की ओर से किए गए किसी भी तरह के कामों को GTI के दायरे से बाहर रखा गया है।
ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स के अनुसार इस्लामिक स्टेट-खुरासान (DAS) देश में तालिबान के कब्जे के बाद अफगानिस्तान में सबसे सक्रिय आतंकवादी समूह के रूप में उभरा है। इस्लामिक स्टेट-खुरासान को साल 2022 में देश में हुए 422 लोगों की मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया गया है, कुल मौतों का 67 फीसदी है। वैश्विक आतंकवाद सूचकांक पांच वर्षों में चार संकेतकों पर 163 देशों को रैंक करता है।
सूचकांक 2000 से आतंकवाद में प्रमुख वैश्विक रुझानों और पैटर्न का एक व्यापक सारांश प्रदान करता है। यह आतंकवाद के प्रभाव पर देशों की एक क्रमिक रैंकिंग प्रदान करने के लिए एक समग्र स्कोर तैयार करता है। GTI ग्लोबल टेररिज्म डेटाबेस (GTD) के डेटा पर आधारित है, जिसे यूनिवर्सिटी ऑफ़ मैरीलैंड में नेशनल कंसोर्टियम फॉर द स्टडी ऑफ़ टेररिज़्म एंड रिस्पॉन्स टू टेररिज़्म (START) द्वारा एकत्र और मिलान किया जाता है।
भारत: वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (जीटीआई) के प्रमुख निष्कर्ष:
भारत आतंकवाद के “उच्च” प्रभाव वाले देशों में सूचीबद्ध था और 13वें स्थान पर था। भारत 25 सबसे बुरी तरह से आतंकवाद से प्रभावित देशों में से एक था और 120 देशों में से 56 देशों में सर्वेक्षण किया गया था, जिसमें कोई उत्तरदाता युद्ध और आतंक को अपनी दैनिक सुरक्षा के लिए सबसे बड़े खतरे के रूप में नहीं चुन रहा था। रिपोर्ट में भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (माओवादी) को 2022 में 12वें सबसे घातक आतंकवादी समूह के रूप में सूचीबद्ध किया गया है।
पाकिस्तान: वैश्विक आतंकवाद सूचकांक (जीटीआई):
बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) पाकिस्तान में सबसे बड़ी विकास दर वाला विद्रोही समूह है, जहां आतंकवाद से संबंधित मौतों में 120% की वृद्धि हुई है। पाकिस्तान में आतंकवाद के परिणामस्वरूप मारे गए लोगों की संख्या नाटकीय रूप से बढ़कर 643 हो गई, जो कि पिछले वर्ष में दूसरी सबसे बड़ी वृद्धि है, जबकि पिछले वर्ष यह संख्या 292 थी। उसी वर्ष अफगानिस्तान में आतंकवाद के कारण होने वाली मौतों की संख्या 633 थी। मौतों में तेजी से वृद्धि के परिणामस्वरूप, पाकिस्तान चार पायदान चढ़कर सूचकांक में छठे स्थान पर आ गया है।
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