तमिलनाडु के विलुप्पुरम जिले में स्थित जिंजी किला (Gingee Fort) को पेरिस में आयोजित यूनेस्को की 47वीं वर्ल्ड हेरिटेज कमेटी की बैठक में विश्व धरोहर स्थल घोषित किया गया है। यह किला मराठा मिलिट्री लैंडस्केप्स का हिस्सा है, जिसमें 12 किलों को उनके सांस्कृतिक और ऐतिहासिक महत्व के लिए वैश्विक मान्यता मिली है।
जिंजी किला, जिसे अक्सर “पूरब का ट्रॉय” कहा जाता है, दक्षिण भारत के सबसे पुराने और अद्वितीय किलों में से एक है। यह तमिलनाडु से इस वर्ष यूनेस्को विश्व धरोहर टैग की दौड़ में शामिल एकमात्र स्थल था। अब इस मान्यता के साथ, जिंजी किले को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर संरक्षण और प्रचार के लिए सहायता मिलेगी और यह घरेलू व विदेशी पर्यटकों के लिए एक प्रमुख आकर्षण बन सकता है।
यह घोषणा फ्रांस के पेरिस में चल रही यूनेस्को की बैठक के दौरान की गई। मराठा सैन्य परिदृश्य (Maratha Military Landscapes) को विश्व धरोहर सूची में शामिल किया जाना भारत की ऐतिहासिक वास्तुकला और सैन्य विरासत को संरक्षित करने की दिशा में एक बड़ी उपलब्धि मानी जा रही है। तमिलनाडु और पूरे भारत के लिए इसे गौरवपूर्ण क्षण बताया गया है।
9वीं शताब्दी में बना जिंजी किला चोल, विजयनगर साम्राज्य, मराठा, मुगल और ब्रिटिश शासकों के अधीन रहा है। इसकी पहाड़ी पर स्थित संरचना और मजबूत किलेबंदी इसे दक्षिण भारत की सैन्य शक्ति का प्रतीक बनाती है। कल्याण महल, जो एक मीनार जैसी इमारत है, इस किले का प्रमुख आकर्षण है और अक्सर पर्यटन प्रचार में दिखाया जाता है। यह किला न केवल ऐतिहासिक दृष्टि से बल्कि सांस्कृतिक विरासत के रूप में भी तमिलनाडु की शान का प्रतीक है।
[wp-faq-schema title="FAQs" accordion=1]हर साल विश्व मृदा दिवस 5 दिसंबर को मनाया जाता है। मृदा को आम बोलचाल…
अंतर्राष्ट्रीय स्वयंसेवक दिवस हर साल 5 दिसंबर को मनाया जाता है। इस वर्ष की थीम…
यूनाइटेड नेशंस (UN) एक बड़े इंस्टीट्यूशनल सिस्टम के ज़रिए काम करता है जिसे UN सिस्टम…
मिजोरम के पूर्व राज्यपाल और वरिष्ठ अधिवक्ता स्वराज कौशल का 4 दिसंबर 2025 को 73…
भारत विश्व की कुल जैव विविधता का लगभग 8% हिस्सा अपने भीतर समेटे हुए है।…
भारत में आधार का उपयोग लगातार तेजी से बढ़ रहा है। नवंबर 2025 में, आधार…