केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी डॉ जितेंद्र सिंह ने 14 जनवरी को भारत के भू-स्थानिक पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचार और स्टार्ट-अप को बढ़ावा देने के लिए “भू-स्थानिक हैकथॉन” का शुभारंभ किया। हैकथॉन भारत के भू-स्थानिक पारिस्थितिकी तंत्र में नवाचार और स्टार्टअप को बढ़ावा देगा।
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हैकथॉन का उद्देश्य
इस हैकथॉन का उद्देश्य न केवल सार्वजनिक और निजी भू-स्थानिक क्षेत्रों के बीच साझेदारी को बढ़ावा देना है, बल्कि हमारे देश के भू-स्थानिक स्टार्ट-अप पारिस्थितिकी तंत्र को भी मजबूत करना है।
मुख्य बिंदु
- “भू-स्थानिक हैकाथॉन” 10 मार्च, 2023 को समाप्त होगा और इसमें चुनौतियों के दो सेट होंगे- रिसर्च चैलेंज और स्टार्टअप चैलेंज।
- इसमें जियोस्पेशियल (भू-स्थानिक) सेलेक्ट प्रॉब्लम स्टेटमेंट्स के सर्वश्रेष्ठ समाधान के लिए 4 विजेताओं का पता लगाया जाएगा।
- मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह ने देश के युवाओं को देश की भू-स्थानिक अर्थव्यवस्था के निर्माण में भाग लेने और योगदान करने के लिए आमंत्रित किया।
- भारत की आधी आबादी 40 साल से कम उम्र की है और बहुत महत्वाकांक्षी है।
- भारतीय स्टार्ट-अप अर्थव्यवस्था ने एक प्रमुख मील का पत्थर पार कर लिया है क्योंकि 2022 में यूनिकॉर्न क्लब में भारत का 100वां स्टार्ट-अप शामिल हुआ है।
भू-स्थानिक हैकथॉन: चुनौती के बारे में
डॉ. जितेन्द्र सिंह ने भू-स्थानिक हैकाथॉन की योजना बनाने, सहभागिता करने और डिजाइन करने के लिए विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्रालय, भारतीय सर्वेक्षण विभाग, आईआईआईटी हैदराबाद और माइक्रोसॉफ्ट इंडिया की सराहना की, जिसके बारे में उन्होंने कहा कि यह भारत की भू-स्थानिक रणनीति और नीति के औपचारिक लॉन्चपैड के रूप में काम करेगा जिसकी परिकल्पना आने वाले समय में भू-स्थानिक क्षेत्र में भारत को एक वैश्विक नेता बनाने और सही मायने में आत्मनिर्भर बनने के लिए की गई है। भारतीय सर्वेक्षण विभाग इन उपयोग किए गए मामलों से चुनिंदा समस्या विवरण के लिए समाधान आमंत्रित करने के लिए तथा क्लाउड, ओपन एपीआई, ड्रोन आधारित मानचित्रण, साझा करने और डेटा की एक विस्तृत श्रृंखला एकीकरण जैसी आधुनिक भू-स्थानिक तकनीकों को अपनाने को बढ़ावा देने के लिए एक भू-स्थानिक डेटा प्रोसेसिंग, समाधान विकास, और सर्विसिंग चैलेंज चुनौती का प्रस्ताव कर रहा है।