केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) विज्ञान और प्रौद्योगिकी; परमाणु ऊर्जा और अंतरिक्ष, डॉ जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत के पहले मानव अंतरिक्ष उड़ान मिशन, गगनयान, को 2024 की चौथी तिमाही में लॉन्च करने का लक्ष्य है। उन्होंने 21 दिसंबर 2022 को लोकसभा में यह जानकारी दी। गगनयान परियोजना में 3 सदस्यों के चालक दल को 400 किमी की कक्षा में 3 दिनों के मिशन के लिए लॉन्च करके और उन्हें भारतीय समुद्री जल में उतरकर सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर वापस लाने के द्वारा मानव अंतरिक्ष उड़ान क्षमता के प्रदर्शन की परिकल्पना की गई है।
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गगनयान परियोजना की कल्पना 2007 में की गई थी और इसे औपचारिक रूप से साल 2018 में 10,000 करोड़ रुपये के बजट के साथ शुरू किया गया था। प्रारंभ में दिसंबर 2021 में मानवयुक्त मिशन के अंतिम प्रक्षेपण से पहले दिसंबर 2020 और जुलाई 2021 में दो मानवरहित मिशन लॉन्च करने की योजना थी। मंत्री डॉ जितेंद्र सिंह के अनुसार पहला मानवरहितमिशन 2023 की अंतिम तिमाही में लॉन्च किया जाएगा और उसके बाद दूसरा मानवरहित मिशन 2024 की दूसरी तिमाही में लॉन्च किया जाएगा।
चार भारतीय वायु सेना के पायलटों को मिशन के लिए चालक दल के रूप में चुना गया है जो रूस में प्रशिक्षण प्राप्त कर रहे हैं। इस साल मई में बेंगलुरु में एक अंतरिक्ष यात्री प्रशिक्षण सुविधा स्थापित की गई थी। यहां चार अंतरिक्ष यात्री थ्योरी, फिजिकल फिटनेस, फ्लाइट सूट ट्रेनिंग, माइक्रोग्रैविटी सहित अन्य चीजों का प्रशिक्षण लेंगे।
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन के अनुसारएलएम वी3(LMV3) राकेट का उपयोग गगनयान मिशन के लिए प्रक्षेपण यान के रूप में किया जाएगा। चालक दल को अंतरिक्ष में पहुंचने में 16 मिनट लगेंगे, जहां वे तीन दिन बिताएंगे। वापसी के दौरान क्रू मॉड्यूल जिसमें चालक दल रहेगा, 120 किमी की ऊंचाई पर अलग हो जाएगा। अलग होने के करीब 36 मिनट बाद यह समुद्र में गिरेगा।
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