गान-नगाई उत्सव, जो ज़ेलियांग्रोंग समुदाय का सबसे बड़ा सांस्कृतिक और धार्मिक फसल कटाई के बाद का उत्सव है, 12 जनवरी, 2025 को मणिपुर के विभिन्न क्षेत्रों में भव्य उत्सव के साथ शुरू हुआ। जीवंत सांस्कृतिक प्रस्तुतियों और पारंपरिक अनुष्ठानों के लिए प्रसिद्ध, गान-नगाई लोगों को एकता और उल्लास की भावना में एकत्रित करता है। यह पांच दिनों तक चलने वाला उत्सव पुराने वर्ष से नए वर्ष में परिवर्तन का प्रतीक है, जिसमें शांति, समृद्धि और सामुदायिक कल्याण पर ध्यान केंद्रित किया जाता है।
समुदाय: यह उत्सव ज़ेलियांग्रोंग समुदाय द्वारा मनाया जाता है, जिसमें ज़ेमे, लियांगमाई, रोंगमई और पुयमई जनजातियां शामिल हैं।
नाम का अर्थ: “गान-नगाई” का अर्थ है “शीत ऋतु का उत्सव” (गान = शीत ऋतु, नगाई = उत्सव)।
कृषि संदर्भ: यह एक फसल कटाई के बाद का उत्सव है, जो कृषि गतिविधियों के समापन का प्रतीक है, जब खलिहान भरे होते हैं और भूमि शुष्क होती है।
तिथि और स्थान: यह उत्सव 12 जनवरी, 2025 को शुरू हुआ और इसे इम्फाल वेस्ट के सगोलबंद रामजी कबुई गांव सहित विभिन्न क्षेत्रों में मनाया गया।
मुख्यमंत्री की भागीदारी: मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने राज्य-स्तरीय समारोह में भाग लिया और मणिपुर के लोगों को अपनी हार्दिक शुभकामनाएं दीं।
सांस्कृतिक प्रदर्शन: उत्सव में पुरुषों, महिलाओं और युवाओं की सक्रिय भागीदारी के साथ आकर्षक सांस्कृतिक प्रदर्शन हुए।
सांस्कृतिक महत्व: इस उत्सव के दौरान पूर्वजों को श्रद्धांजलि दी जाती है और समुदाय की भलाई के लिए पवित्र अनुष्ठान और प्रार्थनाएं की जाती हैं।
पहले दिन के अनुष्ठान:
अगले दिन (2-5):
खेल गतिविधियों का समावेश: हाल के वर्षों में, लांग जंप और शॉट पुट जैसे खेल उत्सव के कार्यक्रमों में शामिल किए गए हैं।
गान-नगाई सामुदायिक एकता, शांति, प्रेम और समृद्धि का प्रतीक है, जो कबुई नागाओं को आनंद और उत्सव में एकत्रित करता है।
सारांश/स्थिर विवरण | विवरण |
खबर में क्यों? | गान-नगाई 2025: मणिपुर में एकता और परंपरा का उत्सव। |
समुदाय | ज़ेलियांग्रोंग लोग (ज़ेमे, लियांगमई, रोंगमई, पुयमई जनजातियां)। |
नाम का अर्थ | “गान-नगाई” का अर्थ है “शीत ऋतु का उत्सव” (गान = शीत ऋतु, नगाई = उत्सव)। |
कृषि संदर्भ | फसल कटाई के बाद का उत्सव, जब कृषि कार्य समाप्त हो जाते हैं और खलिहान भर जाते हैं। |
2025 का उत्सव | 12 जनवरी, 2025 को शुरू हुआ, इम्फाल वेस्ट के सगोलबंद रामजी कबुई गांव सहित विभिन्न क्षेत्रों में मनाया गया। |
मुख्यमंत्री की भागीदारी | मणिपुर के मुख्यमंत्री एन. बिरेन सिंह ने राज्य-स्तरीय समारोह में भाग लिया और अपनी शुभकामनाएं दीं। |
मुख्य कार्यक्रम | सांस्कृतिक प्रदर्शन, अनुष्ठान, सामुदायिक मेलजोल और खेल गतिविधियां। |
पहले दिन के अनुष्ठान | पवित्र अग्नि अनुष्ठान, पूर्वजों को श्रद्धांजलि, समुदाय की भलाई के लिए प्रार्थना। पूर्वजों की कब्रों को फूलों से सजाया गया। |
अगले दिन (2-5) | नृत्य और संगीत प्रदर्शन, सामुदायिक भोज, उपहारों का आदान-प्रदान। |
खेल गतिविधियां | हाल के उत्सवों में लांग जंप और शॉट पुट को शामिल किया गया है। |
सांस्कृतिक प्रतीकात्मकता | यह उत्सव समुदाय में एकता, शांति, प्रेम और समृद्धि का प्रतीक है। |
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